चंदौली के जिलाधिकारी का काला चावल पर ट्वीट, ऐसे मिल रहे हैं रिएक्शन्स
चंदौली जिले के काला धान व काला चावल का प्रचार प्रसार देश के प्रधानमंत्री के साथ-साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री और जिले के अफसरों के द्वारा अक्सर अपने भाषणों और कार्यक्रमों में किया जाता रहता है, लेकिन चंदौली जनपद के काला चावल उत्पादन करने वाले किसान अब तक की सारी पहल से बहुत अधिक उत्साहित नहीं नजर आ रहे हैं। चंदौली जिले में उत्पादन के बाद लगभग 150 कुंतल धान मंडी समिति में पड़ा हुआ है और उसे चिड़िया तथा गिलहरी अपना निवाला बना रहे हैं। वही धान की सही कीमत न मिलने से परेशान की किसान हर साल अपनी खेती को समेटने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं जिलाधिकारी संजीव सिंह के द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद जिले के लोगों ने तरह-तरह की चर्चाएं देखी जा रही हैं। चंदौली काला चावल को एक विशिष्ट ओडोपी उत्पाद बताते हुए कहा गया है कि यह आपके स्वास्थ्य का ख्याल रखेगा।
चंदौली काला चावल ( CKC) -
— DM CHANDAULI (@dmchandauli) April 9, 2022
एक विशिष्ट ओडोपी उत्पाद ,
आपके स्वास्थ्य का रखे ख्याल ।।@UPGovt @CMOfficeUP @InfoDeptUP @UP_ODOP @NITIAayog pic.twitter.com/HpNnJL0fTT
कुछ लोग जिलाधिकारी के द्वारा किए गए ट्वीट की तारीफ करके उसको प्रोत्साहित करने की बात लिख रहे हैं तो कुछ लोग उसकी खेती के लिए बीज भी मांग रहे हैं।
वहीं कुछ लोगों के द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि जिलाधिकारी को ट्वीट करने के साथ-साथ मंडी समिति जाकर वहां रखे काला चावल की स्थिति को भी देखनी चाहिए और किसानों से बातचीत करके उसकी मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि किसानों की काला चावल में दिलचस्पी बरकरार रहे।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद में काला चावल की खेती 2018-19 में शुरू हुई थी और हर साल इसकी एरिया बढ़ती गई। लेकिन 2021-22 में एक बार फिर से इसके उत्पादन में कमी आने की उम्मीद है। क्योंकि पिछले 2 सालों से पैदा किया गया काला धान मंडी समिति में पड़ा हुआ है। इसे मौसम की मार को सहने के साथ साथ चिड़िया, गिलहरी व अन्य जानवर अपना आहार बना रहे हैं।
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