सीमित-स्वस्थ व खुशहाल परिवार के लिए नसबंदी सबसे अच्छा उपाय- डॉ महिमा नाथ
चंदौली जिले में अब परिवार नियोजन के बारे में लोग ज्यादा जागरूक होने लगे हैं। सिर्फ एक या दो ही बच्चे होते हैं अच्छे.. का चलन बढ़ा है। ऐसा इसलिए कि परिवार में सीमित या कम बच्चों के होने से उन्हें अच्छा जीवनशैली, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ और शिक्षा आदि दी जा सकें।
इसके लिए नसबंदी परिवार नियोजन का स्थायी, आसान और सुरक्षित समाधान है। महिलाओं के मानसिक एवं स्वास्थ्य के लिए यह बेहद ही कारगर उपाय माना जाता है। यदि कोई महिला गर्भवती नहीं होना चाहती हैं और गर्भ निरोधक का कोई स्थाई तरीका ढूंढ रही हैं या मां बनने के बाद अब बच्चा नहीं चाहती हैं तो नसबंदी उसके लिए एक बेहतर विकल्प है। यह कहना है राजकीय महिला चिकित्सालय कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ महिमा नाथ का।
डॉ महिमा नाथ ने बताया कि पैंतीस से अधिक उम्र की महिलाएं, जिनमें हाई रिस्क प्रेगनेंसी का खतरा हो या जो हाई ब्लड प्रेशर जैसी किसी स्वास्थ्य स्थिति से ग्रस्त हों, तो इस स्थिति में महिला को नसबंदी साधन को अपनाना चाहिए। स्त्रियों को नसबंदी ऑपरेशन के कुछ ही घंटों बाद छुट्टी मिल जाती है। इस प्रक्रिया में छोटा सा ऑपरेशन करवाना पड़ता है। यह ऑपरेशन सीजेरियन या मिनी लैपरोटोमी तकनीक से किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जनवरी 2022 से अगस्त 2022 तक 38 महिलाओं की नसबंदी की गई है। जमालपुर गांव की शकुंतला (36 वर्षीय) महिला ने बताया की मेरे दो बच्चे हैं। एक लड़की और एक लकड़ा। उनके भरण पोषण बहुत में बहुत दिक्कत हो रही थी। लिहाजा परिवार नियोजन के लिए 27 जुलाई को नसबंदी करा लिया। नसबंदी के बाद मुझे किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है। मैं बिलकुल स्वस्थ हूं और अपने सभी काम अच्छे से कर ले रही हूं। अब मैं बिलकुल स्वस्थ और परिवार के साथ खुश हूं। साथ ही अतिरिक्त बच्चा पैदा होने का कोई खतरा नहीं है।
इसी तरह से नसबंदी के बाद नूरजहां (32 वर्षीय) महिला ने कहा कि वह अपने दो बच्चों के साथ बहुत खुश हैं। पचोखर की नूरजहां ने कहा आज के समय में एक बच्चा ही बहुत ही अच्छा है। मेरे दो लड़के है, उनकी पढ़ाई लिखाई, अच्छे कपड़े का खर्च ही बहुत मुश्किल से हो पाता है। और बच्चों के हो जाने से सभी का भविष्य खराब हो जाता है। एक अगस्त को नसबंदी करवायी है। इसके बाद कोई दिक्कत नहीं है, घर का सारा काम कर रहीं हूं जैसे पहले करती थी।
शकुंतला व नूरजहां की तरह ऐसी तमाम महिलाएं है जिंहोंने स्थायी साधन के रूप में नसबंदी को चुना और अब वह अपनी खुशहाल जिंदगी जी रहीं हैं।
महिला नसबंदी के फायदे-
1. जो महिलाएं गर्भनिरोधन रोकने के लिए स्थाई उपाय चाहती हैं, उनके लिए यह बेहतरीन विकल्प है।
2. नसबंदी में गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन, इम्प्लांट्स या इंट्रायूटेरियन उपकरण (आईयूडी) की तरह साइड-इफैक्ट नहीं होते .
3. नसबंदी के बाद किसी तरह कि शरारिक कमजोरी नहीं
4. छोटे परिवार और स्वस्थ के सुरक्षित विकल्प
नसबंदी के बाद बरतें सावधानी
1. ऑपरेशन के बाद जांच जरूर करायें, साथ ही दवा और एंटी बायोटिक्स का कोर्स भी पूरा करें, नहीं तो इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
2. अगर ऑपरेशन के बाद बुखार, लगातार पेट दर्द, चीरे से खून या पीप आने जैसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
3. ऑपरेशन के बाद सात दिन तक संबंध बनाने से बचें। ऑपरेशन के बाद पीरियड न आना या लेट हो जाए
तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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