जीत के बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व अमित शाह का आभार जताने लगीं अन्नपूर्णा सिंह, आखिर क्या है माजरा
वाराणसी चंदौली भदोही स्थानीय प्राधिकारी एमएलसी चुनाव में निर्दल प्रत्याशी के रूप में भारी भरकम जीत हासिल करने के बाद माफिया डॉन बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है। उन्होंने इस जीत के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि काशीवासियों और बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से मेरी जीत हुई है।
अन्नपूर्णा सिंह ने जीत के बाद कहा है कि वह एक महिला हैं और हमेशा महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के लिए कार्य करती रहेंगी। अन्नपूर्णा सिंह को जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने जीत का प्रमाण पत्र पहाड़िया मंडी में दिया।
प्रमाण पत्र मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी जीत का सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ वाराणसी-चंदौली और भदोही जिले की जनता को दिया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुदामा पटेल के लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया और कहा कि मतदाता स्वतंत्र रूप से मतदान करता है और उसे जिस प्रत्याशी पर भरोसा होता है, उसे ही अपना मत देता है।
बता दें कि 24 वर्ष से बनारस की इस सीट पर केंद्रीय कारागार में बंद बृजेश सिंह या उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। निवर्तमान एमएलसी बृजेश सिंह के बड़े भाई उदयभान सिंह उर्फ चुलबुल सिंह भाजपा के ही टिकट पर यहां से दो बार एमएलसी बने थे। इस सीट पर 1998 से इनके परिवार का कब्जा है। एमएलसी चुनाव जीतने के पहले से ही उनका पंचायत चुनाव में दबदबा जगजाहिर था। इसके बाद 2010 में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह बसपा के टिकट से इस सीट पर एमएलसी बनीं। इसके बाद वर्ष 2016 में बृजेश सिंह मैदान में उतरे तो भाजपा ने उन्हें समर्थन दिया और उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था। अबकी बार भी कुछ ऐसी ही संभावना थी, लेकिन जब भाजपा ने उम्मीदवार उतारा तो बृजेश सिंह ने अपना नामांकन वापस लेकर अन्नपूर्णा सिंह को मैदान में बनाए रखा। ऐसा माना जा रहा है कि जीत के बाद वह भाजपा के पाले में जा सकती हैं या भाजपा को समर्थन कर सकती हैं।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर सुदामा पटेल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सहयोग न करने का आरोप लगा चुके हैं और इस चुनाव में करारी हार के बाद इस बात में सच्चाई भी नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि वाराणसी-चंदौली और भदोही में भारतीय जनता पार्टी के कैडर वाले लोग ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के साथ-साथ नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगमों में मौजूद हैं। इतना ही नहीं इन तीनों जिलों में अधिकांश विधायक भी भारतीय जनता पार्टी के हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की हार जरूर कोई खास संकेत देती है।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*