चंदौली नगर पंचायत सीट का टिकट मांग रहे हैं अनिल कुमार सेठ, ऐसा है उनका दावा
नगर पंचायत चंदौली की सीट के दावेदार
भारतीय जनता पार्टी के साथ 1990 से जुड़ने का दावा
मुकदमों में आरोप से हो चुके हैं बाइज्जत बरी
चंदौली जिले की नगर पंचायत चंदौली की सीट के पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद तमाम दावेदार चुनाव मैदान में अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। सबसे ज्यादा दावेदार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। साथ ही साथ इस बात का दावा कर रहे हैं कि अगर पार्टी किसी और को टिकट देगी तो वह उनका समर्थन भी करेंगे।
ऐसे ही दावेदारों में एक दावेदार अनिल कुमार सेठ हैं, जो चर्चित ज्वेलर्स के रूप में जिला मुख्यालय पर अपना कारोबार करते हैं। वह अबकी बार चंदौली नगर पंचायत की सीट पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं।
अनिल कुमार सेठ का दावा है कि वह भारतीय जनता पार्टी में 1990 से जुड़े हैं। 1994 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का उन्हें नगर उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद से वह पार्टी के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं और पार्टी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए समर्पित रहे हैं।
अनिल कुमार का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रति उनका लगाव और जुड़ाव को देखते हुए भाजपा ने 2012 के नगर निकाय चुनाव में नगर पंचायत चंदौली से चुनाव लड़ने के लिए उनकी पत्नी को मौका दिया था। भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी पत्नी राजकुमारी देवी ने चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहीं थी। अनिल का दावा है कि अबकी बार भारतीय जनता पार्टी उनको अपने प्रत्याशी बनाकर पंचायत के चुनाव में उतरने का मौका देती है तो वह चुनाव जीतने की कोशिश करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र पर काम करेंगे और पार्टी की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे।
इसके साथ ही साथ अनिल सेठ का यह भी दावा है कि अगर किसी कारण बस पार्टी उनको टिकट नहीं देती है और किसी अन्य उम्मीदवार पर भरोसा करती है, तो वह उसके बाद उसी व्यक्ति का पुरजोर समर्थन करेंगे और कोशिश करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से यह सीट जीत जाए।
आपको बता दें कि अनिल कुमार सेठ स्वर्गीय विजय कुमार सेठ के बेटे हैं। यह जिला मुख्यालय चंदौली नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 10, गौतम नगर में रहते हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा महेंद्र टेक्निकल इंटर कॉलेज चंदौली से लेने के बाद काशी विद्यापीठ से स्नातक तक की पढ़ाई की है। यह बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक के रूप में शाखाओं में जुड़े हुए थे और छोटे बड़े राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेते थे।
हालांकि अनिल कुमार सेठ के ऊपर कुछ मुकदमे भी दर्ज थे, जिनको यह झूठा मुकदमा बता रहे हैं। इसमें उनको जेल तक जाना पड़ा था। उनका दावा है कि इन मुकदमों में कोर्ट ने उनको बाइज्जत बरी कर दिया गया है। फिलहाल उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं है।
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