सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एंटीवेनम भेजवा दीजिए सीएमओ साहब, बढ़ेंगी सांप के काटने की घटनाएं
सर्पदंश का शिकार होने पर ग्रामीणों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ेगी, जिससे लोगों को मौत का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या को जानने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है।
चंदौली जिले में बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं। इसके लिए लोगों को एंटीवेनम का इंजेक्शन लगवाने के लिए दौड़भाग करनी पड़ती है। इसके बावजूद कई सरकारी अस्पतालों में एंटीवेनम उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। केवल जिला अस्पताल चंदौली और चकिया में एंटीवेनम की डोज उपलब्ध बतायी जा रही है। इसको सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजने की जरूरत है, ताकि तत्काल रोगियों को दिया जा सके।
कहा जा रहा है कि ऐसे में नौगढ़, चहनिया, धानापुर और सकलडीहा जैसे सुदूर क्षेत्रों में सर्पदंश का शिकार होने पर ग्रामीणों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ेगी, जिससे लोगों को मौत का सामना करना पड़ सकता है। इस समस्या को जानने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है।
कहा जा रहा है कि जिले में सर्पदंश की घटनाएं चहनियां, धानापुर, चकिया , नौगढ़ व शहाबगंज ब्लॉक में अधिक होती हैं। गांव-गिरांव में सांपों के कारण दहशत बनी रहती है। इन घटनाओं को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। झाड़-फूंक कराने की बजाए अब अस्पताल जाते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम मौजूद नहीं है।
वहीं जिले के सीएमओ कार्यालय के दवा भंडार में 365 बायल एंटी स्नेक वेनम भरा पड़ा है। विभाग का दावा है कि जनपद में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है। अस्पतालों में मांग के आधार पर वह एंटी वेनम उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल की बात करें तो 80 वायल एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है इसमें 70 वायल स्टाक में रखा गया है और 10 वायल इमरजेंसी में उपलब्ध है ताकि कोई भी मरीज आए तो उसका तत्काल उपचार किया जा सके।
झांड़-फूंक से बचें
इस बारे में जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में बाहर निकलते समय बूट, मोटे कपडे़ का पैंट आदि पहनें ताकि सांप दिखने पर पास न जाए और न ही उसे मारने की कोशिश करें, उसे बचकर जाने दें। हलचल एवं कंपन आदि से सांप दूर भागते हैं। सर्पदंश पर घबरायें नहीं, आराम से लेट जायें, कपडे़ ढीले कर दें, चूड़ी, कड़े, घड़ी अंगूठी जैसे आभूषण निकाल दें। छोटे बच्चे, वृद्ध और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों में जहर का असर गंभीर हो सकता है। इनके उपचार में देरी न करें। घाव के साथ छेड़छाड़ न करें। दौड़ने भागने से जहर तेजी से शरीर में फैलता है। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को मदिरा, नशे की कोई चीज और कैफीनेटेड ड्रिंक्स न दें। झांड़-फूंक से बचें और पीड़ित को जल्द अस्पताल ले जाएं। इससे मरीज को बचाया जा सकता है।
क्या करें जब कोई जहरीला जंतु काटे
जिला अस्पताल के डॉ. संजय कुमार ने बताया कि अधिकांश सांप मांसाहारी होते हैं एवं छोटे जीव-जंतुओं को खाते हैं। मनुष्यों को ये अपने ऊपर खतरा देख कर ही काटते हैं। इन्हें छेड़ा न जाये तो ये मनुष्यों को नहीं काटते। सांप के जहर से ऊतक नष्ट होते हैं, नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है, ब्लड प्रेशर एवं हृदय पर असर अथवा क्लॉटिंग एवं रक्तस्त्राव होता है। लक्षण उत्पन्न होने में कभी-कभी 6 से 12 घंटे का समय लग सकता है। यदि जहर उगला गया है तब काटने के स्थान पर तेज दर्द, छाला पड़ना, सूजन, लालिमा, नीलापन, रक्तस्त्राव, काला पड़ना या सुन्न होना हो सकता है। सांप के जहर के असर से व्यक्ति के काटे वाले भाग के पूरे अंग में तेज दर्द हो सकता है, कम ब्लडप्रेशर, कमजोर नाड़ी, बढ़ी धड़कन, उल्टी, दस्त, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, देखने में दिक्कत, हाथ-पैर ठंडा होना, सुन्न पड़ना, पसीना आना आदि हो सकते हैं।
जिला पर स्वास्थ्य विभाग के औषधि भंडार केंद्र के चीफ फार्मासिस्ट जितेंद्र सिंह का दावा है कि जनपद में एंटी स्नेक वेनम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिला स्वास्थ्य विभाग के दवा भंडार कक्ष में 365 वायल उपलब्ध है। डिमांड के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाता है। एंटी स्नेक वेनम की एक्सपायरी तिथि 2024 है।
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