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छत्रधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लगाए गए पौधे, बताए गए इसके लाभ

पौधारोपण करने का एक मुख्य लाभ यह है कि वे हमें जीवन देने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। पेड़ पक्षियों और जानवरों को भी आश्रय प्रदान करते हैं। गर्मी के दिन व चिलचिलाती धूप से भी यात्रियों को राहत प्रदान करते हैं।
 

सरकार का 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य

हर किसी को करना होगा सहयोग

पौधारोपण अभियान आज की जरूरत

चंदौली जिले के सदलपुरा स्थित छत्रधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दयालपुर सदलपुरा में वृहस्पतिवार को प्राचार्य डॉक्टर नंदलाल की उपस्थिति में दर्जनों पौधों का रोपण किया गया। इस मौके पर इसके लाभ भी गिनाए गए तथा लोगों को इस अभियान में सहयोग करने की अपील की गयी।

इस मौके पर प्राचार्य का कहना है कि पौधारोपण करने का एक मुख्य लाभ यह है कि वे हमें जीवन देने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। पेड़ पक्षियों और जानवरों को भी आश्रय प्रदान करते हैं। गर्मी के दिन व चिलचिलाती धूप से भी यात्रियों को राहत प्रदान करते हैं। पेड़ हमारे पृथ्वी को रहने लायक बनाते हैं। हमें पेड़ कई लाभ प्रदान करते हैं और हम उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। हम विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए तीव्र गति से उन्हें काट रहे हैं। यह उचित नहीं है।

Plantation Chhatrdhari PG College

लकड़ी का उपयोग आवश्यकता के विभिन्न उत्पादों के साथ-साथ लक्जरी बनाने के लिए किया जाता है। यही कारण है कि प्रत्येक दिन कई पेड़ काटे जा रहे हैं। बढ़ती आबादी एक और कारण है कि कई पेड़ों को तेजी से काटा जा रहा है। जंगलों को औद्योगिक क्षेत्रों और आवासीय स्थानों में बदल दिया जा रहा है। जिन्हें देखते हुए प्रदेश सरकार ने 35 करोड़ वृक्षारोपण करने का फैसला किया है। उसमें  विद्यालय के स्टाफ के साथ छात्र-छात्राएं मिलकर सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में अपना थोड़ा सा सहयोग दे रहे हैं।

 नोडल अधिकारी प्रमोद सिंह ने कहा कि पेड़ों से हमें कागज और लकड़ियों के रूप ईंधन प्राप्त होता है। इसके अलावा पेड़ भूमि के कटाव होने से रोकता है, जिससे हमारी जमीने बंजर नहीं बनती। इसके लिए भी वृक्षारोपण जरूरी है। 

असिस्टेंट अध्यापक धनंजय यादव कहते हैं कि दुनिया में किसी भी देश का वातावरण उस देश की वर्षा और वायुमंडलीय तापमान पर निर्भर करता है और किसी भी देश की वर्षा और वायुमंडलीय तापमान उस देश के वृक्षों पर निर्भर करता है। 

इस मौके पर प्राचार्य डॉ नंदलाल, नोडल अधिकारी प्रमोद सिंह, राकेश सिंह, जितेंद्र पटेल, धनंजय यादव, शालू चतुर्वेदी, कीर्ति, बबिता, प्रकृति और शिवम मौजूद रहे।

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