रामकिशुन ने पदयात्रा करके सुनी किसानों की समस्या, कहा-बेदखली की कार्रवाई गलत
अफसरों की गलती की सजा किसानों को क्यों
कैसे हुयी इस जमीन की चकबंदी
कैसे दे दिया गया जमीन का मुआवजा
चंदौली जिले की सकलडीहा तहसील इलाके के किसानों को चकबंदी और राजस्व विभाग की हेराफेरी और मनमानी के कारण परेशान होना पड़ रहा है। चकबंदी और राजस्व विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण आधा दर्जन गांव के किसान परेशान हैं। इसके लिए समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने दिघवट, बरंगा, पंचदेवरा, जमुनीपुर सहित कई गांवों की समस्या को लेकर डिघवट गांव से लेकर 2 किलोमीटर तक की पदयात्रा की और इलाके का हाल जानने की कोशिश की।
इस पदयात्रा के दौरान किसानों से मिले फीडबैक को मीडिया के साथ शेयर करते हुए रामकिशुन यादव ने कहा कि बुधवार को उन्होंने पदयात्रा की थी और इलाके के तमाम गांव के किसानों की जमीन के बारे में जानकारी ली। किसान कई वर्षों से जमीदारी और आजादी के पूर्व से मिली जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। उनके जमीनों की चकबंदी हुयी है। उनकी जमीन लेकर उनके बदले में दूसरी जमीन दी गई है। इतना ही नहीं कई किसानों की जमीन अधिगृहित करके उनको मुआवजा तक दिया गया है।
इतना सब होने के बावजूद किसानों को नोटिस भेज कर उनको बेदखल किया जा रहा है और उनसे रिकवरी भी कराई जा रही है। पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने आरोप लगाया कि जो जमीन ताल के रूप में थी, उस जमीन को चकबंदी के रूप में किसानों को क्यों दिया गया। उसके बदले किसानों की जमीन क्यों ली गयी। किसान अपनी जमीन छोड़कर वर्षों से इस जमीन पर खेती कर रहे हैं। ऐसे में किसानों की बेदखली गैर कानूनी है। अधिकारियों की गलती की सजा किसानों को नहीं मिलनी चाहिए।
पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा कि किसानों का उत्पीड़न बंद करते हुए किसानों की जमीन को वापस दिलाने के लिए एक लंबा संघर्ष किया जाएगा। जिस तरह से आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन के लिए विधेयक लाकर जमीन देने की बात कही जाती है। उसी प्रकार यहां के किसानों को भी नियम कानून में संशोधन करके जमीन देने की बात पर चर्चा की जानी चाहिए।
रामकिशुन यादव ने किसानों की समस्या को लेकर आगे भी पदयात्रा जारी रखने की बात कही है। इस मौके पर उनके साथ सरवन राजभर, नवीन जायसवाल, कल्पनाथ पासवान, शंकर यादव, दूधनाथ राजभर, रोहित यादव, अवधेश कुशवाहा आदि लोग शामिल थे।
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