सदर कोतवाली में तैनात सिपाही की मौत, गृह जनपद आजमगढ़ में सड़क हादसे में मौत
मौत अपने स्थान पर बुला ही लेती है
कुछ ऐसे ही हुयी सिपाही प्रशांत सरोज की मौत
छुट्टी नहीं देना चाह रहे थे सीओ साहब
गनर से पैरवी करवाकर ली थी छुट्टी
चंदौली जिले की सदर कोतवाली में तैनात सिपाही प्रशांत कुमार सरोज की सड़क हादसे में अपने गृह जनपद में मौत हो जाने के बाद चंदौली के पुलिस विभाग में शोक का माहौल छाया रहा। वहीं हर किसी के जबान पर इसकी छुट्टी लेने की चर्चा रही।
बता दें कि चंदौली जिले के सदर कोतवाली में तैनात प्रशांत कुमार 2018 में पुलिस कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था और जनवरी 2019 में उसे सदर कोतवाली में पहली तैनाती दी गई थी। फिलहाल वह 5 दिन की छुट्टी लेकर अपने गृह जनपद गया था। इनकी छुट्टी 15 दिसंबर से 5 दिन के लिए सदर क्षेत्राधिकारी द्वारा मंजूर की गयी थी।
बताया जा रहा है कि वह छुट्टी के बाद अपने गृह जनपद आजमगढ़ के बरदह थाना के सराय मोहन गांव स्थित अपने घर गया हुआ था, जहां गुरुवार को देर शाम गांव के ही एक व्यक्ति के साथ बाइक से किसी कार्य को करने के लिए बाहर निकला था और सड़क हादसे में जख्मी हो गया था। सूचना मिलने पर लोगों ने उन्हें आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठेकमा पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों द्वारा प्रशांत को मृत घोषित कर दिया गया।
इसकी सूचना जैसे ही सदर कोतवाली व जिला पुलिस को लगी तो सदर कोतवाली व पुलिस विभाग में मातम सा छा गया है, क्योंकि होनहार और मिलनसार सिपाही होने के कारण सभी लोग इसे जानते थे और इसकी कार्यशैली से खुश भी रहते थे।
इस संबंध में सदर क्षेत्राधिकारी रामवीर सिंह ने बताया कि प्रशांत को वह छुट्टी नहीं दे रहे थे, लेकिन अपने गनर की सिफारिश पर इसे छुट्टी दे दी। जैसे ही इसके सड़क हादसे में मौत की सूचना मिली तो यह लगा कि मौत किसी न किसी कारण सभी को नियत स्थान पर बुला लेती है।
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