जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

सहजयोग आज का महायोग : 24 जुलाई से 2 दिवसीय महाशिविर का होगा आयोजन

सहजयोग में कुण्डलिनी जागरण द्वारा निर्विचार समाधि एवं मानसिक शांति से लोगों को आत्मबोध होता है और अपने आप को जानने में सहायता मिलती है ।
 

माताजी निर्मला देवी के सानिध्य में सहज योग

चंदौली जिले में होगा बड़ा आयोजन

चन्दौली जिले में  सहज कृषि मिशन के तहत 24 जुलाई से दो दिवसीय सहजयोग आज का महायोग का आयोजन नेगुरा स्थित जय वाटिका में सायं 4 बजे से आयोजित किया गया है।

आयोजनकर्ता धनंजय सिंह ने बताया कि सहजयोग की खोज श्री माताजी निर्मला देवी जी ने 1970 में मानव के कल्याण के लिए की थी । सहजयोग में कुण्डलिनी जागरण द्वारा निर्विचार समाधि एवं मानसिक शांति से लोगों को आत्मबोध होता है और अपने आप को जानने में सहायता मिलती है । श्री माता जी निर्मला देवी द्वारा विकसित इस योग को शारीरिक , मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य के लिहाज से अत्यंत लाभदायक पाया जाता है । सहजयोग में आसान मुद्रा में बैठकर ध्यान किया जाता है। ध्यान के दौरान इसका अभ्यास करने वाले लोगों के सिर से लेकर हाथों में ठंडी हवा का एहसास होता है , जिसे चैतन्य लहरियां कहते है , और यही चैतन्य लहरियां मानव के शारीरिक , मानसिक व भावनात्मक समस्याओं को ठीक करती है । प्रत्येक मनुष्य के शरीर में जन्म से ही एक सुक्ष्म तंत्र होता है जिसमें तीन नाड़ियां , सात चक्र और परमात्मा की दी हुई शक्ति ( कुण्डलिनी शक्ति ) विद्यमान है । परमात्मा की यही शक्ति जो कि कुण्डलिनी शक्ति के नाम से जानी जाती है , हमारी रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले भाग में सुप्त अवस्था में रहती है ।

श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा सहजयोग के माध्यम से कुण्डलिनी शक्ति की जागृति सहज में ही हो जाती है । और मनुष्य योग अवस्था को प्राप्त करता है , यह योग परमात्मा की सर्वव्यापी शक्ति से जुड़ने का उत्यंत सरल मार्ग है । गुरुनानक , संत ज्ञानेश्वर , संत कबीर आदि महान ज्ञानियों के प्रवचन में सहजयोग का उल्लेख मिलता है । गीता , बाइबल , कुरान , गुरु ग्रंथ साहब आदि धर्म ग्रंथों में इस शक्ति का जिक्र हुआ है । सहजयोग की मदद से कई लाईलाज बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है । इससे मानसिक , शारीरिक , मनोवैज्ञानिक आदि सभी तरह के लाभ मिलते है ।

यह आत्म ज्ञान को प्राप्त करने का बहुत ही सुलभ ध्यान पद्धति है , इस पद्धति को पाकर मानव प्रत्येक 1 कार्य को अपने जीवन को सफल बना सकता है । इससे तनाव दूर होता है , इसका अभ्यास करने वाला व्यक्ति पूरा दिन ऊर्जा से परिपूर्ण रहता है । हो सहजयोग का अभ्यास विश्व के लगभग 140 देशों में किया जा रहा है , जिसे हर आयु , धर्म , जाति , संप्रदाय द्वारा अपनाया गया है । बीज का प्रस्फुटित होना एक जीवंत क्रिया है ठीक उसी तरह कुण्डलिनी शक्ति जागरण भी एक जीवंत क्रिया है आइए अपने अंदर की ईश्वरीय शक्ति को सहजयोग द्वारा जागृत करें ।

वही बच्चों का सर्वांगीण विकास एवं भारतीय संस्कारों के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण चित्र एकाग्रता एवं ईश्वर शक्ति का विकास आत्मविश्वास बढ़ाने की क्षमता का विकास भी होता है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*