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सैयदराजा शहीद स्मारक पर बड़ी धूमधाम से मनाया गया शहीद दिवस

इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों से कार्यक्रम की शुरू होने के बाद प्रबुद्धजनों  के विचारों तथा स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया।
 

चंदौली के सैयदराजा शहीद स्मारक पर 28 अगस्त को शहीद दिवस के रूप में मनाया गया। आज शहीद दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सैयदराजा विधायक सुशील सिंह तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य उपस्थित रहे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों से कार्यक्रम की शुरू होने के बाद प्रबुद्धजनों  के विचारों तथा स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया।

आपको बता दें कि 16 अगस्त 1942 के बाद धीरे धीरे क्षेत्र में स्वतंत्रता की लहर जागने लगी। इसी क्रम में सैयदराजा क्षेत्र में भी आजादी के दीवाने स्वतंत्रता सेनानी गणेश राम, श्रीधर राम, तथा फेकू राम ने 28 अगस्त 1942 को  अपनी शहादत कर सैयदराजा थाने पर ध्वजारोहण किया था। इस घटना में 14 स्वतंत्रता सेनानी आहत भी हुए थे। इसमें जगत नारायण दूबे, लालधारी पाठक, रामसुधार पांडेय, विभूति उपाध्याय, जोरवन सिंह, जट्टू सिंह, जगन्नाथ पांडेय,  पखंडू पांडेय,  कपिल देव सिंह, बाढूराम, भौराराम, राजराय, अकलू राम तथा रामधनी सिंह सम्मिलित रहे। उसके बाद इस दिन को हमेशा शहीद दिवस के रूप में सैयदराजा में बनाने का काम किया जाता है। 

Shahid Smarak Saiyadraja

कई वक्ताओं द्वारा आजादी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह आज जो अवसर प्रदान हुआ है, उन लोगों के बलिदान देने के बाद हुआ है। हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, जो उस समय में आजादी को नहीं देखें हैं । उन्हें याद दिलाने का काम किया जाए।

मुख्य अतिथि सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने कहा कि जो झंडा सभी के घरों लगाने की बात स्वतंत्रता के 75 साल तक किसी ने नहीं सोचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सोच को आगे बढ़ाएं हैं।  विधायक सुशील सिंह ने यह भी याद दिलाया कि यह देश प्रधानमंत्री के किये गए कार्यों के कारण अब फिर से  भारत को विश्वगुरु के नाम जानने के लिए तैयार हो गया है। करोना काल में इसका असर देखने को मिला था। जिसका उदाहरण भारत ने कोविड-19 की सुरक्षा के वैक्सीन दूसरे देशों को देखकर अपने विश्व गुरु के धर्म को निभाने का कार्य किया गया।

विशिष्ट अतिथि विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि सारे लोग आजादी की अमृत महोत्सव टुकड़े में मनाने  से  जाति धर्म एवं पार्टी की यह सबसे बड़ी राजनीति है। इस अवसर पर सभी को  एकजुट होकर मनाना चाहिए। यहां की  धरती मां कहलाती है, क्योंकि किसी और देश की धरती को माता नहीं माना जाता है। 

 इस धरती के दो टुकड़े कर दिए गए पर हम चुप रहे। प्रधानमंत्री की देन है कि एक स्वाभिमानी भारत बनने की और अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हमारे  तिरंगा झंडे को फहराने के लिए भी बंटवारा किया गया, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इस परंपरा को तोड़ते हुए सभी लोगों को राष्ट्र के प्रतीक का झंडा फहराने का कार्य कराया गया। जाति के आधार पर यदि हम अपने विचार धाराओं और सोच को निर्धारित करते हैं देश नहीं बच पाएगा और हमारे स्वतंत्रा सेनानी का बलिदान व्यर्थ हो जाएगा। इसलिए हम सभी को एकजुट होकर इसी तरह सारे कार्यों को करना चाहिए, जिसका लोहा पूरा विश्व मानने को तैयार हो जाए ।

इस दौरान इस दौरान सैयदराजा विधायक सुशील सिंह व लक्ष्मण आचार्य जी द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
 
वही कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र राय, रामविलास तिवारी, पवन सिंह, मृत्युंजय सिंह दीपू, मधुकर राय, राजेश यादव, कांग्रेसी नेता तौफीक तथा लोकगीत गायक श्रीराम यादव व डॉक्टर अभिमन्यु यादव उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम का संचालन समर समर बहादुर सिंह द्वारा किया गया।

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