शिक्षक दिवस विशेष : शिक्षक पिता के आदर्शों पर चलकर उनके सपने को साकार कर रहे दोनों बेटे
कहा जाता है कि एक शिक्षक के पुत्र अच्छे शिक्षक नहीं होते, लेकिन इस अवधारणा को चंदौली जिले के सिसौड़ा कला गांव का एक परिवार गलत साबित कर रहा है। एक परिवार कई पीढ़ियों से शिक्षा के क्षेत्र में अलग जगा रहा है। इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के लोग शिक्षा में अपने पिता की राह व आदर्शों पर चल रहे हैं।
कोरोना काल मे मृत प्रधानाचार्य स्व. शशिकांत त्रिपाठी के दोनों पुत्र शिक्षा विभाग में शिक्षा दान का अलख जगा रहे हैं। प्रवीण त्रिपाठी और विवेक त्रिपाठी ने चंदौली समाचार से शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर बात करते हुए कहा कि वह पिता की सीख व संस्कार से शिक्षा के क्षेत्र में आए हैं और उनको हम दोनों भाई शिक्षक दिवस पर उनको अपनी श्रद्धांजलि देना चाह रहे हैं।
आपको बता दें कि शशिकांत के पिता जी भी दो भाई रहे और दोनों ने इस मैदान में अपनी अपनी अलग पहचान बनाई। बड़े भाई राजेंद्र तिवारी (प्रवक्ता डबरिया इंटर कालेज) और छोटे भाई स्व. शशिकांत त्रिपाठी प्रधानाचार्य के रूप में सेवा देते रहे। साथ ही इनके छोटे बाबा प्रवक्ता स्व. कालिका त्रिपाठी (माटीगांव) भी शिक्षक रहे। फिलहाल इनके पुत्र रामजी तिवारी शिक्षक एवम् वर्तमान में सांसद के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं।
स्व. सियाराम त्रिपाठी के पुत्र शशिकांत त्रिपाठी ग्राम व पोस्ट सिसौड़ा कला के रहने वाले थे। बीएचयू से शिक्षा प्राप्त कर पहली पोस्टिंग अमरवीर इंटर कॉलेज धानापुर चंदौली में गणित अध्यापक के रूप में सन 1991 में हुयी तो वहीं पर अध्यापन कार्य शुरू किए। माध्यमिक शिक्षक संघ में महामंत्री के पद पर जनपद चंदौली में संघर्ष करते देखे गए।
सन 2011 के प्रधानाचार्य भर्ती में आयोग से गठन हुआ तो इसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल इंटर कॉलेज, बहता प्रतापगढ़ में प्रधानाचार्य नियुक्त होकर चले गए। वहीं पर कार्य करने के दौरान वह सन 2021 में कोरोना का शिकार हो गए, जिसके चलते 24 अप्रैल को कोरोना काल में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
इनके दो पुत्र हैं, जिनमें बड़े पुत्र प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने एम. कॉम और एम. एड की शिक्षा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से हुई उसके पश्चात प्रतापगढ़ जनपद में हनुमत इंटर कॉलेज में सन 2021 में अध्यापक नियुक्त हो गए हैं।
वहीं छोटे भाई विवेक कुमार त्रिपाठी इंजीनियरिंग की शिक्षा के इतिहास से एम. ए. किये जाने के बाद वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय कुशहा में 2019 से नियुक्त हैं।
प्रवीण त्रिपाठी और विवेक त्रिपाठी ने कहा कि चूंकि शुरू से ही एक आदर्श परिवार में पालन पोषण हुआ, जिनमें शिक्षा का माहौल था। परिवार के लोगों में शिक्षा के पेशे को काफी सम्मान की नजर से देखा जा रहा था। शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लक्ष्य को लेकर पूरा परिवार शिक्षा जगत से जुड़ा और तीन पीढ़ियों से लगातार लगा शिक्षा जगत की सेवा कर रहा है।
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