केमिकल वाले रंगो से आंखों व त्वचा को बचायें, होली खेलते समय चश्मा जरुर लगायें
चंदौली जिले में होली मतलब रंगों का त्योहार और बिना रंग के होली और गुलाल के होली नहीं होती । आजकल बाजार में आने वाले रंगों में कई तरह के केमिकल मिले होते हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी शरण ने कहा कि केमिकल युक्त रंग आंखों व त्वचा के साथ ही शरीर को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अगर यह रंग आंखों के अंदर चला जाए, तो रोशनी तक भी जा सकती है,इस तरह के रंगों से शरीर में जलन, एलर्जी व लाल निशान पड़ जाते हैं । जिससे अनेक प्रकार के त्वचा संबंधी बीमारी भी हो सकती है। लिहाजा केमिकल युक्त रंगो का इस्तेमाल न करें । किसी भी रंग को लगाने से त्वचा एवं आँखों में जलन या खुजली महसूस हो तो उसे अच्छी तरह पानी से साफ करके डाक्टर की सलाह लें । साथ ही कोविड नियमों का पालन अवश्य करें । घर पर ही होली खेले, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ का हिस्सा न बनें । बाहर जाने व लोगों से मिलने पर मास्क एवं मानव दूरी बना कर रखें । साथ ही समय – समय पर सैनिटाइजर का भी प्रयोग करते रहें ।
कमला पति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ दीपक मेहता ने कहा कि केमिकल युक्त रंगो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । इन रंगो के प्रयोग से आंखों की भी रोशनी खो सकते हैं। इसके अलावा रंग आंखों के अंदर चला जाए, तो कोर्निया को काफी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति आंखों में लैंस का प्रयोग करते हैं, तो उनके लिए ओर भी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए वे लैंस उतारकर ही होली का आनंद उठाएं ।
डॉ दीपक ने कहा कि समस्याओं से निजात पाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है, रंग से करें बचाव-
होली खेलने से पूर्व चश्मा पहन लें ।
अगर आंखों के अंदर रंग चला जाए, तो पहले पानी से आंखे धो ले। आँख के अंदर रंग चला भी जाए तो उसे मसले नहीं बल्कि साफ पानी से अच्छी तरह साफ करें।
नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें ।
कमला पति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ अनुज सिंह ने कहा कि पूरे साल जिस त्वचा का ख्याल रखते हैं | बाजार में बिकने वाले केमिकल युक्त रंग हमारी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। कई बार इन रंगों का ऐसा असर होता है कि ये रंग जहां लगे होते हैं वहां पर दाने निकल जाते हैं। बाजार में मिलने वाले रंगों में कई तरह के रसायनों की मिलावट होती है, ऐसे में होली में सिर्फ प्राकृतिक रंगों को ही प्रयोग में लाएं। होली खेलने जाने से पहले त्वचा पर क्रीम या लोशन लगा लें, जिससे रंगों का संपर्क सीधे तौर पर आपकी त्वचा से न हो। बाजार में मिलने वाले रंगों में कई प्रकार के रसायन मिल होते हैं ऐसे में सिर्फ सूखे व हर्बल रंगों को ही प्रयोग में लाएं।
अगर किसी रंग से एलर्जी, जलन, खारिश या त्वचा पर लाल दाने जैसी समस्या उत्पन्न हो। तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धो लें। उसके बाद कैलाइमाइन लोशन का इस्तेमाल करें। होली के बाद त्वचा को रंगों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए चेहरे पर प्राकृतिक गुलाब जल लगा सकते हैं। यह त्वचा जलन को शांत करने के साथ रंगों से होनी वाले नुकसान से बचाती है। इसके अलावा त्वचा पर अगर दाने हो गए हों तो नेचुरल फेसमास्क का प्रयोग करें। डॉक्टर कि सलाह पर ही दवा का प्रयोग करें ।
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