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चंदौली जिले में निराश्रित गोवंशों के लिए 10 और पशु आश्रयशालाएं खोलने का आदेश

 कठौरी गांव स्थित पशु आश्रयशाला का भी निरीक्षण करते हुए कमियों को दूर करने का मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया और कहा कि शीघ्र 10 और पशु आश्रय शाला  खोलने की व्यवस्था करें।

 
 

अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के निर्देश

7000 रुपए के मानदेय पर रखे जाएंगे काम करने वाले

गोवंश के रखरखाव के लिए कन्वर्जन कास्ट बढ़ाने का भी आदेश

चंदौली जनपद में निरीक्षण करने आए अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास पशुधन एवं मत्स्य विभाग  द्वारा कठौरी स्थित पशु आश्रय शाला का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों के साथ उनके संरक्षण पर चर्चा करते हुए  उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी निर्माणाधीन मत्स्य मंडी का  निरीक्षण करते हुए समय से पूर्व पूरा करने की हिदायत दिया।

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 आपको बता दें कि चंदौली जनपद में गुरुवार को अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे पहुंचकर निराश्रित गोवंशो के संरक्षण के लिए विशेष जोर देते हुए पशु आश्रय सालों को ठीक-ठाक कर और 10 पशु आश्रयशाला खोलने की बात कही।

यही नहीं पशु आश्रय शाला में लगे हुए सफाई कर्मियों को गांव में सफाई करने के लिए तत्काल भेजने के लिए भी पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया और कहा कि गांव के लोगों को रोजगार देने के लिए जो गोबर बटोरने व चारा काटने का अनुभव रखते हैं, उनको 7000 रुपए के मानदेय पर रखकर उनसे कार्य लिया जाए। उन्होंने निराश्रित गोवंश के रखरखाव के लिए 30 की जगह 60 रुपए कन्वर्जन चार्ज भी बढ़ाने की बात कही।

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 कठौरी गांव स्थित पशु आश्रयशाला का भी निरीक्षण करते हुए कमियों को दूर करने का मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया और कहा कि शीघ्र 10 और पशु आश्रय शाला  खोलने की व्यवस्था करें।

 अपर मुख्य सचिव ने जिला मुख्यालय स्थित निर्माणाधीन प्रदेश की पहली आधुनिक मत्स्य मंडी का निरीक्षण किया और कार्यदाई संस्था को निर्देशित करते हुए कहा कि हर हाल में समय से पहले मंडी का निर्माण कार्य पूरा कर देना है जो कार्य जुलाई 2024 में करना था उसे मई 20024 तक पूरा करना है।ताकि किसानों के लिए लाभकारी इस मंडी का शुभारंभ हो जाए।  उन्होंने कहा कि पिछड़े चंदौली जनपद के किसानों का मछली मंडी से बहुत बड़ा फायदा होने वाला है। 

 गोवंश की तस्करी को लेकर भी मुख्यमंत्री के निर्देशों का हवाला देते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अगर गोवंश की तस्करी का मामला संज्ञान में आता है तो पुलिस विभाग सहित संबंधित अधिकारियों की भी जवाबदेही बनती है,इसलिए चंदौली से किसी भी हाल में बिहार की तरफ गोवंश को तस्करी के लिए नहीं जाने देना चाहिए। शीघ्र ही गांव गांव घूमने निराश्रित पशुओं को पकड़ने के लिए तहसील स्तर पर कैटल कैचर भी उपलब्ध कराने की बात प्रमुख सचिव द्वारा कही गई ।

अपर मुख्य सचिव के साथ जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, मुख्य विकास अधिकारी सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे ।

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