जिला अस्पताल भी नहीं सुरक्षित महिला,वार्ड ब्वॉय की करतूत से भर्ती युवती हो गई परेशान,जानिए क्या है मामला

महिला की शिकायत को पहले किया जा रहा था नजरअंदाज
मीडिया के सक्रिय होते ही करनी पड़ी कार्यवाही
जानिए कैसे लिए गया आरोपी के खिलाफ एक्शन
चंदौली जिले में जिला अस्पताल में जब भर्ती महिला मरीज भी सुरक्षित नहीं है, तो सरकार के सारे सुरक्षा के दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं। महिलाओं के मामले में जमीनी हकीकत कुछ और है यहां लोग मौका मिलते ही महिलाओं के साथ बदतमीजी और छेड़खानी शुरू कर देते हैं।

बताते चलें कि ताजा मामला जनपद के बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल का है, जहां भर्ती एक युवती के साथ वार्ड में तैनात वार्ड ब्वाय द्वारा भर्ती युवती से लगातार तीन दिनों तक छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करता रहा। जब महिला उसकी हरकतों से परेशान हो गई तो उसने इस मामले में शिकायत की है।

वार्ड में भर्ती युवती पीड़िता का आरोप है कि वार्ड ब्वाय जितेंद्र यादव उपचार के दौरान अश्लील इशारे करता था और बाथरूम की ओर बुलाता था। इलाज के नाम पर जानवरों की तरह इंजेक्शन लगाता था। जब युवती ने यह बात सुरक्षा कर्मियों को बताई तो उन्होंने भी मामले की गंभीरता को नजर अंदाज करते हुए सिर्फ सूचना देकर पल्ला झाड़ने जैसा रवैया अपनाया। अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने मामले की जानकारी नोडल प्रिंसिपल तक पहुंचाई। लेकिन न तो आरोपी को तत्काल हटाया गया, न ही युवती को सुरक्षा मुहैया कराई गई।
यह लापरवाही प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाती है।
जब पीड़ित परिजनों द्वारा मीडिया को जानकारी दिया, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी। सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या कार्रवाई केवल मीडिया के दबाव में की जाएगी।
जब मीडिया ने इस मामले में प्रिंसिपल से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी ही जानकारी मिली है। पीड़िता और उसके परिजनों ने आरोपी के खिलाफ तत्काल गिरफ्तारी व सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अस्पतालों में महिला सुरक्षा के सख्त इंतजाम और जवाबदेही तय करने की आवश्यकता को दोहराया है। जब तक संस्थाएं संवेदनशील नहीं होंगी, महिलाएं असुरक्षित रहेंगी।अब समय है सिर्फ आश्वासनों से नहीं, एक्शन से जवाब देने का।
इस संबंध में बाबा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अमित सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद वे खुद पीड़ित परिवार से मिले हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि कर्मचारी को वह पहले से जानते हैं, उसको हॉस्पिटल से हटा दिया जाए और हम कोई कार्यवाही नहीं चाहते ।
प्राचार्य ने यह भी बताया कि आरोपी का वेतन रोकते हुए हटा दिया गया है। वह कंपनी के जरिये संविदा पर कार्य करता था। उसके खिलाफ तत्काल एक्शन लेते हुए कार्यवाही कर दी गई है।
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