आदमचीनी की पैदावार बढ़ाएंगे किसान, GI टैग मिलने के बाद से बढ़ा है क्रेज
जीआई पेटेंट होने के बाद बढ़ने लगी आदमचीनी धान की खेती
आदमचीनी की ओर बढ़ने लगा जिले के किसानों का रुझान
जिले के 80 किसान कर रहे हैं इसकी खेती
चंदौली जिले में जीआई पेटेंट होने के बाद खुशबू और खूबियों से भरपूर आदमचीनी धान की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ने लगा है। पिछले साल 25 एकड़ में 30 किसानों ने खेती की थी। लेकिन इस बार 65 एकड़ में 80 किसानों ने इसकी रोपाई की है। इस तरह एक साल में 40 एकड़ इसका रकबा बढ़ गया है। इसकी उपज और आमदनी को देखकर किसान इसकी खेती से जुड़ते जा रहे हैं।
आपको बता दें कि जिले में आदमचीनी चावल को पिछले वर्ष जीआई (भौगोलिक संकेत) पेटेंट मिल जाने के बाद से किसान उत्साहित हैं। जिले का यह पहला उत्पाद है जिसे जीआई पेटेंट मिला है। हालांकि पिछले वर्ष जिले में करीब 25 एकड़ में ही किसानों ने धान की इस प्रजाति की खेती की थी लेकिन उपज अच्छी होने और चावल का अच्छा मूल्य मिलने से इस वर्ष किसानों का रुझान इस ओर बढ़ गया है।
खेतों में रोपी गई आदमचीनी धान की फसल खेतों में लहलहा रही है। नाबार्ड और राज्य सरकार के सहयोग से प्रदेश के 11 उत्पादों को इस वर्ष जीआई पेटेंट प्राप्त हुआ है। इसमें चंदौली का आदमचीनी चावल (715) भी शामिल है। नाबार्ड के सहयोग से कोविड के कठिन समय में प्रदेश के 20 उत्पादों का जीआई आवेदन किया गया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद उत्पादों को जीआई टैग मिला है।
आसानी से चावल बेच सकेंगे
आदमचीनी प्रजाति के चावल का उत्पादन जिले में प्रचलित अन्य प्रजातियों से कम होता है। एक एकड़ खेत से करीब साढ़े पांच क्विंटल चावल मिलता है लेकिन मूल्य अच्छा मिलने के कारण किसानों को नुकसान भी नहीं होता। वर्तमान में इस चावल का बाजार दर 150 रुपये प्रति किलो के करीब है। चावल बेचने के लिए किसानों को ईशानी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा। इसके बाद वे अपना चावल कहीं भी बेच सकते हैं। धान की मिलिंग में भी किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी। गांवों के खलिहानों में ही उपलब्ध मोबाइल वैन के माध्यम से मिलिंग हो जाएगी
60 किसान करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन
इस साल 60 किसान आदमचीनी धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इनकी उपज को बाजार में बेचा जाएगा। आदमचीनी चावल पकाने पर इसकी सुगंध काफी दूर तक फैलती है। पकाने के पहले चावल को करीब 10 मिनट तक खूब रगड़-रगड़ कर धोना चाहिए। ऐसा करने से चावल की सुगंध बढ़ जाती है।
इस संबंध में चंदौली किसान संगठन के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि आदमचीनी धान के उत्पादन से किसानों की आय बढ़ी है। इसकी बिक्री के लिए मार्केट भी उपलब्ध है। इसकी खेती के लिए वाराणसी, बलिया, सोनभद्र, गाजीपुर और मिर्जापुर के किसानों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
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