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अब संस्कृत विद्यालयों का होगा कायाकल्प, मरम्मत के लिए मिलेगा 25 लाख का अनुदान

हालात यह हैं कि जिले में सिर्फ 13 संस्कृत इंटर कालेज संचालित हैं। इनमें छह प्राइवेट हैं। इसको देखते हुए शासन ने संस्कृत विद्यालयों को सुधारने की योजना तैयार की है।
 

शुरूआत में पांच प्रतिशत धनराशि खुद करना पड़ेगा खर्च

आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने की है तैयारी

अलंकार योजना से होगा विद्यालयों को सुधारने के काम

जनपद में सिर्फ 13 संस्कृत इंटर कालेज  हैं संचालित

चंदौली जिले के संस्कृत विद्यालयों का मिशन प्रोजेक्ट अलंकार योजना के तहत कायाकल्प किया जाएगा। कायाकल्प के बाद इनको आदर्श विद्यालय की तरह बनाया जाएगा। इसको लेकर विद्यालयों से आवेदन मांगे गए हैं। इसके बाद उनका चयन किया जाएगा। कायाकल्प के लिए प्रत्येक विद्यालय को करीब 25 लाख रुपये दिए जाएंगे।

आपको बता दें कि संस्कृत विषय कभी हमारी सभ्यता और बोलचाल की भाषा हुआ करती थी। लेकिन, धीरे-धीरे यह बोलचाल के साथ ही अब पढ़ाई से भी दूर होती जा रही है। जिले में संचालित होने वाले विद्यालय धीरे धीरे बदहाल हो रहे हैं। उन्हें सुधारने 3 के लिए कभी कोई सहायता राशि भी नहीं दी गई। उपेक्षा के चलते संस्कृत विद्यालयों की संख्या लगातार कम होती जा रही थी।

बताते चलें कि हालात यह हैं कि जिले में सिर्फ 13 संस्कृत इंटर कालेज संचालित हैं। इनमें छह प्राइवेट हैं। इसको देखते हुए शासन ने संस्कृत विद्यालयों को सुधारने की योजना तैयार की है। इन विद्यालयों में योजना के तहत कायाकल्प किया जाएगा। इसमें विद्यालय प्रबंध तंत्र को खुद के पास से शुरूआत में पांच प्रतिशत की राशि खर्च करनी पड़ेगी।

कराए जाएंगे यह कार्य

शौचालय, अतिरिक्त कक्षा कक्ष, प्रयोगशाला, खेल मैदान, बैडमिंटन व वालीबाल कोर्ट की स्थापना, चारदीवारी, साइकिल स्टैंड, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, रेनवाटर आदि कार्य के अलावा संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक दल सिंगार यादव ने बताया कि संस्कृत विद्यालय के प्रबंधकों से आवेदन मांगे गए हैं। अभी तक दुर्गा संस्कृत विद्यालय सैयदराजा ने आवेदन किया है। अन्य कालेज प्रबंधकों के साथ में बात करेंगे और आवेदन के लिए प्रेरित करेंगे।

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