एक सप्ताह बाद ढहा दिए जाएंगे सारे मकान, रेलवे के काम में नहीं चलेगी मनमानी
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चंदौली जिले के सैयदराजा बाजार इलाके में रेल कारिडोर योजना के तहत बनने वाली नई रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहित जमीन पर बने मकानों को तोड़ने का कार्य एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। मकान मालिकों ने अनुरोध किया था कि मकान से दरवाजा, खिड़की व अन्य सामान निकालने के लिए सप्ताहभर का समय दिया जाए।
इस मौके पर उपस्थित उपजिलाधिकारी विजय नारायण सिंह ने रेलवे के अधिकारियों से वार्ता कर सभी मकान मालिकों से लिखित सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराकर मकान ध्वस्तीकरण का कार्य रूकवा दिया।
रेल कारिडोर योजना के तहत उत्तर पटरी में डबल रेलवे लाईन बिछाई जा रही है। लोकमनपुर रेलवे क्रासिंग से लेकर सैयदराजा मुख्य बाजार रेलवे क्रासिंग तक अधिग्रहित जमीन से मकान नहीं हटने के कारण निर्माण कार्य बाधित है। जबकि भवन स्वामियों को मुआवजा भी मिल चुका है। लेकिन जमीन के मुआवजे के लिए दोनों पक्षों में पेंच फंसा है। रेलवे ने अपनी जमीन मानकर इसका मुआवजा नहीं दिया। इसके बावजूद लोग साठ-सत्तर साल का कब्जा होने का हवाला देकर मुआवजे की मांग करते आ रहे हैं। मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। लेकिन रेलवे के पक्ष में फैसला होने के बाद बुधवार को जमीन खाली कराने का निर्णय लिया गया।
इसके बाद बुलडोजर, जेसीबी आदि मशीनों के अलावा भारी पुलिस बल व उपजिलाधिकारी सदर विजय् नरायण सिंह, कोतवाल लक्ष्मण पर्वत की उपस्थिति में रेलवे क्रासिंग के पास मकानों को तोड़ने का कार्य शुरु किया। इस दौरान लोग जल्दी जल्दी घर से सामान निकालने लगे। वहीं नगर के बुद्धिजीवियों ने सामान निकालने के लिए एक सप्ताह का समय देने की गुहार लगाई।
अधिकारियों ने आपस में मंत्रणा कर जनहित में एक सप्ताह का समय दे दिया। लेकिन एक सप्ताह बाद अतिक्रमण को हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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