सरकार के सौतेले व्यवहार से नाराज़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने किया जोरदार प्रदर्शन
सरकार पर लगाया सौतेला व्यवहार करने का गंभीर आरोप
ज्ञापन सौंपकर शासन को दी मांगों की सूची
तत्काल समाधान की चेतावनी
चंदौली जिले में शुक्रवार को महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला इकाई ने सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बिछिया स्थित धरना स्थल पर जुटीं सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि अगर समय रहते उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो अगला आंदोलन और भी उग्र होगा।

प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन कलेक्ट्रेट में एक प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा और जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं जिलाध्यक्ष सुषमा मिश्रा ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रदेश में कम वेतन, असुरक्षित कामकाज और बिना मान्यता के कार्यभार से जूझ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन सरकार ने आज तक कोई ठोस पहल नहीं की।

उन्होंने बताया कि पोषण ट्रैक ऐप के माध्यम से ओटीपी आधारित केवाईसी प्रक्रिया लागू की गई है, जिससे कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ठगी का शिकार हो चुकी हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई सहयोग नहीं मिल रहा, बल्कि उल्टे कार्यकर्ताओं को निलंबन का भय दिखाकर मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा, "हम महिलाएं अब चुप बैठने वाली नहीं हैं। अगर हमारी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो आंदोलन की रूपरेखा और बड़ा रूप लेगी।"
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से पूनम यादव, श्यामदुलारी, मंजू यादव, तुलसी, सुशीला समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहीं। सभी ने एक स्वर में सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक मानदेय, सुरक्षा और डिजिटल सिस्टम के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से राहत दिलाने की मांग की।
इस प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने अधिकारों को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती है।
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