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भीषण गर्मी में सैयदराजा थाने में पड़े हैं मवेशी, भोजन-पानी की व्यवस्था करने में हांफ रहे सिपाही ​​​​​​​

चंदौली जिले में घुमंतू और छुट्टा पशुओं को जिले में बने पशु आश्रय स्थलों में रखने के साथ ही उन्हें चारे पानी और छांव का बेहतर इंतजाम करना है, मगर पशुओं को व्यवस्था नहीं मिल पा रही है।
 

चंदौली जिले में घुमंतू और छुट्टा पशुओं को जिले में बने पशु आश्रय स्थलों में रखने के साथ ही उन्हें चारे पानी और छांव का बेहतर इंतजाम करना है, मगर पशुओं को व्यवस्था नहीं मिल पा रही है। हाल यह है कि एक सप्ताह पहले बिहार बार्डर से नौबतपुर के पास सैयदराजा पुलिस ने ट्रक कंटेनर से 25 पशु बरामद किए थे। लेकिन अब तक इन पशुओं को गो आश्रय स्थल नहीं भेजा गया। वहां पर दिनभर पड़े-पड़े बेजुबान इस भीषण गर्मी में भरपेट चारे पानी के लिए तड़प रहे हैं। 

वहीं ब्लाकों में बने पशु आश्रय स्थलों पर छांव की व्यवस्था है, लू से बचाव के लिए तिरपाल भी लगाई गई है, लेकिन तेज धूप में टिन काफी गर्म हो जा रहा है, जिससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है। पशुओं के बेहतर इंतजाम के लिए स्थायी और अस्थायी 17 पशुशाला बनाई गई है। जहां पशुओं का रखा गया है। विभाग का दावा है कि वहां चारे पानी का पर्याप्त इंतजाम किया गया है और केयर टेकर उनकी देखभाल कर रहे हैं। लेकिन पुलिस के यहां पकड़े जानवर वहां नहीं जा पा रहे हैं।

बताते चलें कि सैयदराजा के सूत्रों के अनुसार, जिले में बार्डर का अन्तिम थाना होने के कारण सैयदराजा पुलिस काफी संख्या में पशुओं को पकड़ती है। लेकिन पकड़े गये मवेशियों के लिए गोशाला की व्यवस्था नहीं होने के कारण इनके आश्रय की गंभीर समस्या बनी हुई है। किसी गोशाला भेजे जाने तक मवेशियों के लिए भूसा, पानी तथा छाया की व्यवस्था किसी तरह पुलिस कर रही है। यहां बार्डर पर पकड़े गए मवेशियों को पहले गोरखपुर स्थित गौशाला भेज दिया जाता था। 


इस संबंध में कोतवाल सत्य नारायण मिश्रा का कहना है कि पकड़े मवेशियों को गोशाला भेजने का आदेश है, लेकिन गोरखपुर स्थित गौशाला भर जाने से वहां नहीं भेजा जा रहा है। इससे पशुओं के आश्रय, दाना पानी की समस्या बनी हुई है। एक सप्ताह पूर्व कंटेनर ट्रक से 25 मवेशियों को पकड़ा गया था। इसके लिए झारखंड-बंगाल बार्डर स्थित गौशाला से बातचीत हुई। लेकिन वहाँ का संचालक भी अपने गोशाला के मवेशियों को रखने के लिए तैयार नहीं हो रहे है। 


जिले में सकलडीहा विकासखंड के तारापुर और पटपरा में पशु आश्रम केंद्र बनाया गया है। तारापुर में 52 पशु और पटपरा में 95 पशु है। नौगढ़ में पशु आश्रय केंद्र चकचोइयां में कुल 43 पशु व जिला पंचायत काजी हाऊस नौगढ़ में 16 पशु है। पेयजल के लिए आरक्षित भैसौड़ा बांध का पानी को पाईप लाईन से पशु आश्रय केंद्र चकचोइयां में पशुओं को पीने के लिए देय होता है। पशु चिकित्सक डा. कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि पशुओं की निगरानी के लिए दिन में 03 व रात्रि में 03 केयर टेकर हैं।


नियामताबाद विकासखंड के कठौड़ी में है इंतजाम


नियामताबाद विकासखंड के कठौड़ी स्थित पशु आश्रय केंद्र में इस समय 200 पशु हैं। पशुओं की देखभाल के लिए कुल आधा सफाई कर्मी लगाए गए है। जिनकी शिफ्टवार ड्यूटी लगी है। पशुचारे के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध है। साथ ही चोकर, खली आदि भी पर्याप्त है। पशुओं को पानी के लिए समर्सिबल लगाया गया है। प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी डॉ वाईक यादव ने बताया कि गर्मी से बचाव के लिए शेड के किनारे बोरे लगाए गए हैं।


दोनो ही केंद्रों पर पानी की है समुचित व्यवस्था


चहनियों के पपौरा व सर्वानन्दपुर में गोशाला केंद्र पर पशुओं को लू से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किया गया है। सर्वानन्दपुर में गोशाला केंद्र के चारों तरफ तिरपाल बांध गया है व पपौरा में पहले से ही चारो तरफ दीवाल है। दोनो ही केंद्रों पर पानी की भी समुचित व्यवस्था है। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि ग्राम प्रधान व पशुओं को लू से बचने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।

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