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जिले में घटने लगा है धान की फसल का रकबा, अरहर और बाजरे की खेती पर होगा जोर

इस सम्बन्ध में कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि भारत सरकार दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसी के तहत शासन के निर्देश पर जनपद में अरहर की खेती का रकबा बढ़ाया गया है।
 

5 हजार हेक्टेयर घटा धान का रकबा

अरहर व बाजरा की खेती को बढ़ावा

जानिए किस फसल पर कृषि विभाग दे रहा है जोर

चंदौली जिले में खरीफ सीजन में जनपद चंदौली में कृषि विभाग ने बड़ी पहल करते हुए इस बार धान की खेती का रकबा घटा दिया है। पिछले वर्ष जिले में लगभग 1.15 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई थी, जबकि इस बार 1.10 लाख हेक्टेयर में ही धान की खेती कराई जाएगी। धान का रकबा घटाने के पीछे अरहर और बाजरा जैसी फसलों को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य है।

बताते चलें कि इस बार जिले में 6139 हेक्टेयर में अरहर और 5989 हेक्टेयर में बाजरा की खेती कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को इन फसलों की खेती के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है।

इस सम्बन्ध में कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि भारत सरकार दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसी के तहत शासन के निर्देश पर जनपद में अरहर की खेती का रकबा बढ़ाया गया है।

जिले में परंपरागत रूप से किसान धान और गेहूं की खेती करते आए हैं। दलहन और तिलहन की खेती करने वाले किसानों की संख्या मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही है, और वे भी ज्यादातर असिंचित क्षेत्रों में सीमित हैं। रकबा कम होने से दलहन और तिलहन की मांग पूरी नहीं हो पाती, जिससे किसान और उपभोक्ता दोनों को परेशानी होती है।

कृषि विभाग की यह पहल न केवल फसल विविधता को बढ़ावा देगी बल्कि मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।

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