अब सरकारी स्कूलों व मदरसा के रसोइयों के बारे में सोच रही योगी सरकार, अब इलाज के लिए बनेगा आयुष्मान कार्ड
रसोइयों का भी अब बनेगा आयुष्मान कार्ड
योगी सरकार ने लिया है फैसला
सरकारी स्कूलों व मदरसा के रसोइयों पर सरकार मेहरबान
चंदौली जिले में सरकारी स्कूलों व मदरसा की रसोइयों का भी अब आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। इससे उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये का नि:शुल्क उपचार कराने की सुविधा मिलेगी। जिले के 1286 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और मदरसों में बच्चों को भोजन बनाकर खिलाने के लिए 4450 रसोइया हैं। इन सभी का कार्ड बनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने बेसिक, माध्यमिक व अल्प संख्यक कल्याण विभाग से रसोइयों की सूची मांगी है। इन विभागों की ओर इनकी सूची शीघ्र ही भेज दिया जाएगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री पोषण योजना में मेन्यू के अनुसार सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन परोसा जाता है। जनपद के 1185 परिषदीय , 62 माध्यमिक, दो आश्रम पद्धति व 37 मदरसों के लगभग 3.55 लाख विद्यार्थी पकापकाया भोजन का स्वाद चखते हैं। रसोइया संघ कैशलेस चिकित्सा, मानदेय बढ़ाने और यूनीफार्म देने की मांग अपने प्रदर्शन के दौरान प्रमुखता से रखी थी। रसोइया आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने की मांग किए थे।
विभाग के अनुसार, इसको ध्यान में रखते हुए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने प्रस्ताव शासन को भेजा था। इससे पहले शासन स्तर पर भी इसको लेकर कई बैठकें हो चुकी हैं। वहीं आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना के लिए काम करने वाली स्टेट एजेंसी के साथ भी मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अधिकारियों ने कई दौर की बातचीत की। इसके बाद उनका आयुष्मान कार्ड बनााने का निर्णय लिया गया।
196 बीमारियों में पांच लाख तक नि:शुल्क होगा उपचार
योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद समेत 196 बीमारियों में पांच लाख तक नि: शुल्क उपचार किया जाता है।
रसोइयों को इस योजना से जोड़े जाने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक कैशलेस उपचार मिल सकेगा। आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर होने के कारण रसोइया उपचार नहीं करा पाते और मृत्यु भी हो जाती है। उपचार के अभाव में होने वाली मृत्यु से बचा जा सकेगा। दूसरे चरण में रसोइया के स्वजन को भी लाभ दिलाया जाएगा।
आयुष्मान योजना में जनपद के 73 अस्पतालों में पांच लाख तक नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। इसमें 45 प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल के अलावा 28 निजी चिकित्सालय शामिल हैं।
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