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अक्षय तृतीया पर बढ़ जाती हैं बाल विवाह की घटनाएं, अभी से शादी रोकने के लिए प्रशासन हुआ सतर्क, आमजन से की गई है ये खास अपील

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल-विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा 1,00,000 रूपये का जुर्माना अथवा दोनो का प्राविधान है।
 

बाल विवाह जैसी कुप्रथा को कर दें बंद

अक्षय तृतीया से पहले प्रशासन ने जारी की चेतावनी

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आमजन से की जागरूकता की अपील

चंदौली जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा पर रोक लगाने हेतु प्रशासन ने कमर कस ली है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आमजन से अपील की है कि वे बाल विवाह को न केवल रोकें बल्कि इसके खिलाफ सक्रिय भूमिका भी निभाएं।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि समाज के कुछ लोगों द्वारा बालक एवं बालिका का विवाह निर्धारित आयु क्रमशः 21 वर्ष एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। प्रायः इस प्रकार का विवाह "अक्षय तृतीया" के अवसर पर होते हैं, जबकि इस सम्बन्ध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल-विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा 1,00,000 रूपये का जुर्माना अथवा दोनो का प्राविधान है।

इस वर्ष "अक्षय तृतीया" दिनांक 30 अप्रैल 2025 को है। अतः सभ्यजनो से अनुरोध है कि बाल-विवाह को हतोत्साहित करें तथा बाल-विवाह के किसी भी घटना के सम्बन्ध में सूचना कार्यालय-जिला प्रोबेशन अधिकारी, चन्दौली/ जिला बाल संरक्षण इकाई चन्दौली/181 महिला हेल्प लाईन/1098 चाइल्ड लाईन/सी०यू०जी० नम्बर-9794340651 तथा अपने नजदीकी थाने पर देने का कष्ट करें।

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