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घेासवां गांव में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पाठशाला, सुखी जीवन जीने के दिए गए टिप्स

इसका मुख्य कारण है कि मनुष्य जीवन जीने की कला को नहीं जानता है, यदि जानता भी है चलना नहीं चाहता,  जिसका कारण है कि अशान्ति उन्होंने कहा मनुष्य से पाप होता है, तो सोचता है गंगा स्नान करने से पाप धुल जाएगा। मगर उसको यह पता नहीं होता कि पाप शरीर में लगा है, न कि आत्मा में।
 

आत्मा जब परमात्मा से मिलती है तो मिलती है शांति

मनुष्य के जीवन में शान्ति के बिना सुख नहीं

घेासवां गांव में जुटे ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के विद्वान  

चंदौली विकास खंड बरहनी के घोसवा गांव  में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को जीवन जीने की कला के बारे में जानकारी दी गयी। प्रजापिता ब्रहमकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाखा द्वारा आयोजित पाठशाला  में लोगों को तरह तरह की कहानियों के जरिए लाइफ स्किल्स के टिप्स दिए गए। 

Brahma Kumari Divine University

जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय शाखा से आयीं विश्वविद्यालय प्रभारी मनोरमा दीदी ने कहा कि  मनुष्य को सुखी जीवन जीने के लिए चार चीजों की आवश्यकता होती है.. अच्छा स्वास्थ्य, धन, पोजीशन और सुंदरता। अगर ये  चारों मनुष्य को प्राप्त होता है, तो  फिर भी मनुष्य के पास शान्ति नहीं मिलती है। इसका मुख्य कारण है कि मनुष्य जीवन जीने की कला को नहीं जानता है, यदि जानता भी है चलना नहीं चाहता,  जिसका कारण है कि अशान्ति उन्होंने कहा मनुष्य से पाप होता है, तो सोचता है गंगा स्नान करने से पाप धुल जाएगा। मगर उसको यह पता नहीं होता कि पाप शरीर में लगा है, न कि आत्मा में।

मनोरमा दीदी ने कहा कि गंगा स्नान से शरीर तो साफ हो जाएगा।  मगर आत्मा में लगा हुआ पाप सत्संग रुपी गंगा में स्नान करने और आत्मा को परमात्मा से मिलाने ही धुलेगा और एक अच्छे परिवार और समाज का निर्माण कर पाएगा। 

इस अवसर पर गोवर्धन सिंह और हरिओम के अलावा डबलू सिंह इमिलिया से सतीश सिंह, करिया सिंह, रामनरायन सिंह, अयोध्या सिंह, मनीष सिंह, बलवंत तिवारी, तकी मुहम्मद, बालमुकुन्द गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।

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