जिला अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी जांच की सुविधा जल्द मिलेगी, गंभीर बीमारियों के मरीजों को मिलेगी राहत

बलगम निकालने, टीबी और फेफड़े के कैंसर के डायग्नोसिस के लिए मिलेगी सुविधा
ब्रोंकोस्कोपी जांच के लिए मशीन मंगाने की प्रक्रिया पूरी
अब मरीजों को महानगरों या महंगे निजी सेंटरों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
चंदौली जिले में चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध पं. कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल में ब्रोंकोस्कोपी जांच की सुविधा मिलेगी। इसके लिए मशीन मंगाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। फाइबर आप्टिकल ब्रोंकोस्कोप से यहां जांच होगी।
आपको बता दें कि इस जांच के शुरू होने से मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। बलगम निकालने, टीबी व फेफड़े में कैंसर आदि के डायग्नोसिस में आसानी होगी। जिले में जांच की सुविधा न होने से लगभग 24.50 लाख आबादी के बीच मिलने वाले इन मरीजों को महानगरों व निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ता है।

इसके चालू होने से मरीजों को सहूलियत होगी। अस्पताल के चेस्ट, श्वास व टीबी विभाग में मरीजों की भीड़ रहती है। टीवी और सांस के मरीजों को फेफड़े में दिक्कत होती है। बलगम न निकलने, खांसी के साथ ब्लड आने पर जांच की जरूरत होती है। इससे डायग्नोसिस में आसानी होती है।

यहां रोजाना करीब डेढ़ सौ मरीज आते हैं। इसमें करीब 80 मरीज सांस, टीबी के होते है, जिसमें दो से चार मरीजों को जांच की जरूरत होती है। ब्रोंकोस्कोप से सूखी खांसी में बलगम फेफड़े से निकालने, फेफड़े के कैंसर के स्टेज, बायोप्सी जांच के लिए सैंपल निकालना आसान होता है। फेफड़े में इंफेक्शन, गंभीर निमोनिया के मरीजों की जांच होती है। साथ ही गंभीर मरीजों को गले में नली डालने में भी आसानी होती है। टीबी के मरीजों को चिह्नित और आइएलडी बीमारी के डायग्नोसिस में आसानी होती है।
इस बीमारी में फेफड़े सख्त हो जाते हैं, सिकुड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे सांस की दिक्कत होती है। अस्पताल में जांच की सुविधा न होने से मरीजों को वाराणसी जाना पड़ता है। प्राइवेट में जांच के लिए मरीजों को छह से आठ हजार रुपये कीमत चुकानी पड़ती है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए यह सुविधा जिला अस्पताल में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इससे मरीजों को अन्य जनपदों में भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
उपचार में होगी ये सुविधा
• खांसी के साथ आ रहे ब्लड को बंद करने के लिए ग्लू लगेगा।
• फेफड़े के कैंसर के स्टेज का पता करने को बायोप्सी के लिए सैंपल लेने में सुविधा होगी।
• फेफड़े में गांठ की जानकारी होगी।
• गले में नली डालने, इंटरस्टीलियल लंग्न डिजीज के डायग्नोसिस में आसानी।
• सूखी खांसी होने पर फेफड़े से बलगम निकालकर होगी जांच।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सत्यप्रकाश ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी जांच की सुविधा के लिए प्राचार्य की ओर से योजना बनाई गई है। मशीन जल्द आ जाएगी। उसके आगे की प्रक्रिया पूरी कर जांच शुरू होगी। जिससे मरीजों को आसानी होगी।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*