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चैती छठ पर सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का किया समापन, 4 दिवसीय छठ व्रत की धूम

छठ पर व्रतियों ने रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार के सुख- समृद्धि का आषीष मांगा। आज की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय व्रत का समापन कर दिया और 36 घंटे का उपवास तोड़ा।
 

आज की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर खत्म किया व्रत

छठ व्रतियों ने रविवार की शाम को दिया था अर्ध्य

 चैत्र के शुक्ल पक्ष में होती है चैती छठ

 

चंदौली जिले में छठ पर व्रतियों ने रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार के सुख- समृद्धि का आषीष मांगा। आज की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय व्रत का समापन कर दिया और 36 घंटे का उपवास तोड़ा। साथ ही लोगों में प्रसाद का वितरण किया। 

आपको बता दें कि छठ पर मुगलसराय के मानसरोवर तालाब पर अर्घ्य देने वालों की भीड़ रही। सूर्योपासना का महापर्व छठ वर्ष में दो बार मनाया जाता है। कार्तिक मास में डाला छठ मनाई जाती है। वहीं, चैत्र के शुक्ल पक्ष में चैती छठ मनाई जाती है। चैती छठ की शुरूआत शुक्रवार को नहाय खाए के साथ हुई थी।

 घरों में महिलाओं ने स्नान कर लौकी की सब्जी, चने की दाल और चावल बनाकर उसका सेवन करने के साथ व्रत कर संकल्प लिया। शनिवार को निराजल व्रत रहकर शाम को दूध, चावल और गुड़ की बखीर बनाई और उसका प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद 36 घंटे केनिराजल व्रत की शुरूआत की। रविवार को दोपहर बाद दउरी, सूप में मौसमी फल, पकवान, गन्ना के साथ रोरी, सिंदूर, धूप, दीप सहित अन्य पूजन सामग्री सजाई। कलश तैयार किया और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नंगे पांव तालाब की ओर निकल पड़े। 


पूरे परिवार के साथ छह मइया के गीत गाते सरोवरों पर पहुंचे यहां तट पर कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद पानी में खड़े होकर सूर्य के अस्त होने का इंतजार किया। इसके बाद अस्त होते सूर्य को दूध और जल से अर्घ्य दिया। सबसेअधिक व्रतियों की भीड़ मानसरोवर तालाब पर जुटी। मालगोदाम पोखरा पर भी व्रती जुटे। सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया गया।

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