जिला अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या तो खुलने लगी पोल, 120 बेड के अस्पताल में सभी बेड हो गए हैं फुल
टेबल और स्ट्रेचर पर हो रहा मरीजों का इलाज
रेफर और डिस्चार्ज किया जा रहे हैं मरीज
मौसम के बदलाव की वजह से बढ़ गई है मरीजों की इतनी संख्या
चंदौली जिले में बाढ़, बारिश के साथ मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से लोगों की सेहत खराब हो रही है। रविवार को चंदौली स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ने से सभी 120 बेड फुल हो गए। टेबल और स्ट्रेचर पर मरीजों का इलाज किया गया। इनमें करीब 40 मरीज डायरिया पीड़ित थे।
आपको बता दें कि जिला अस्पताल में इमरजेंसी में रोज 30 से ज्यादा गंभीर मरीज आ रहे हैं। इन्हें भर्ती करने के लिए रोज 17-18 मरीजों को इलाज पूरा हुए बिना डिस्जार्च करना पड़ता है।
जैसा कि आप जानते है कि चंदौली जिले में दो संयुक्त अस्पताल हैं। एक चकिया और दूसरा जिला मुख्यालय में है। मुख्य मार्ग पर होने की वजह से ज्यादा मरीज कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त अस्पताल में आते हैं। यहां रोज एक हजार से ज्यादा की तो ओपीडी होती है। सुबह से ही रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों की लाइन लगती है। मरीजों की भीड़ तो बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पताल में बेड की संख्या नहीं बढ़ी। आलम यह है कि बाढ़ और बारिश की वजह से संक्रामक बीमारियां पैर पसार रही हैं, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिला अस्पताल के सभी 120 बेड फुल हो चुके हैं। इसके बाद भी मरीजों के आने से डॉक्टरों के समझ में नहीं आ रहा है कि उन्हें कहां भर्ती करें।
गंभीर मरीजों के पहुंचने पर रोज 17-18 मरीजों को इलाज पूरा होने के पहले ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है। रविवार की सुबह 17 मरीज डिस्वार्ज करने के बाद शाम पांच बजे तक बेड फुल हो गए थे। कई मरीजों को तो टेबल और स्ट्रेचर पर ही इलाज किया गया।
इस संबंध में संयुक्त जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि मरीजों की भीड़ बढ़ने से बेड कम पड़ रहे हैं। सारे बेड भरे हुए हैं। कर्मचारियों को और बेड की संख्या बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है।
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