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महिला आयोग की सदस्या ने किया केजी नंदा हॉस्पिटल के संचालक के साथ दुर्व्यवहार, मरीजों के साथ कोतवाली दे रहे हैं धरना

चंदौली में केजी नंदा हॉस्पिटल के डॉक्टर आनंद प्रकाश त्रिपाठी के साथ महिला आयोग की सदस्य द्वारा कथित अभद्र व्यवहार के बाद माहौल गरमा गया है। न्याय की मांग को लेकर सैकड़ों समर्थकों और मरीजों ने सदर कोतवाली में धरना शुरू कर दिया है।
 

महिला आयोग की सदस्य पर अभद्रता का आरोप

डॉक्टर के समर्थन में सैकड़ों लोग सड़क पर

सदर कोतवाली परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन

डॉक्टर के भाई को जेल भेजने की धमकी

पुलिस प्रशासन मामले की जांच में सक्रिय

चंदौली जिला मुख्यालय स्थित प्रसिद्ध केजी नंदा हॉस्पिटल में उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब अस्पताल के निदेशक और जाने-माने महिला रोग एवं बांझपन विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद प्रकाश त्रिपाठी के साथ महिला आयोग की एक सदस्य के बीच तीखी नोकझोंक होने की खबर सामने आई। जानकारी के मुताबिक, यह विवाद बातचीत के दौरान तब और बढ़ गया जब कथित तौर पर महिला आयोग की सदस्य ने डॉक्टर के साथ बेहद अपमानजनक और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस घटना ने न केवल चिकित्सा जगत बल्कि स्थानीय आम जनता में भी रोष पैदा कर दिया है।

धमकी और अभद्र व्यवहार से आहत हुए डॉक्टर
डॉक्टर आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने इस पूरी घटना को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बातचीत के दौरान महिला आयोग की सदस्य ने अपनी मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। आरोप है कि सदस्य ने डॉक्टर के भाई को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजने की सीधी धमकी दी। एक सम्मानित डॉक्टर, जो वर्षों से क्षेत्र में मरीजों की सेवा कर रहे हैं, उनके लिए इस तरह का व्यवहार मानसिक रूप से काफी आहत करने वाला साबित हुआ। डॉक्टर त्रिपाठी ने खुद को बेहद असुरक्षित महसूस करते हुए प्रशासन से सुरक्षा और सम्मान की गुहार लगाई है।

कोतवाली में भावुक हुए डॉक्टर 
इस घटना की सूचना जैसे ही शहर में फैली, डॉक्टर के समर्थन में सैकड़ों की संख्या में मरीज और उनके परिजन सदर कोतवाली पहुंच गए। डॉक्टर आनंद प्रकाश त्रिपाठी जब कोतवाली पहुंचे तो वह काफी भावुक नजर आए और रो-रोकर अपने साथ हुई प्रताड़ना का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार संवैधानिक पद पर बैठकर किसी व्यक्ति को इस तरह अपमानित करना सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने जैसा है। उनके समर्थन में आए लोगों का कहना है कि डॉक्टर त्रिपाठी क्षेत्र के एक ईमानदार और समर्पित चिकित्सक हैं, और उनके साथ हुआ यह दुर्व्यवहार कतई स्वीकार्य नहीं है।


पुलिस प्रशासन दे रहा है जांच का भरोसा
सदर कोतवाली में भारी भीड़ और तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस विभाग के आला अधिकारी तुरंत सक्रिय हो गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे मरीजों और समर्थकों को समझाने-बुझाने का काफी प्रयास किया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच की जाएगी और दोनों पक्षों के बयानों को दर्ज किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि तथ्यों के आधार पर जो भी विधिक कार्रवाई आवश्यक होगी, उसे अमल में लाया जाएगा। फिलहाल कोतवाली परिसर में पुलिस बल तैनात है और स्थिति को नियंत्रण में रखने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।

न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं समर्थक
धरना दे रहे लोगों और डॉक्टर समर्थकों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि इस मामले में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई नहीं की गई, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। समर्थकों का तर्क है कि सत्ता या पद के मद में किसी भी पेशेवर व्यक्ति का अपमान करना लोकतंत्र के खिलाफ है। फिलहाल प्रशासन की ओर से शांति बनाए रखने की अपील की गई है, लेकिन डॉक्टर और उनके करीबियों का रुख काफी सख्त बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि पुलिस की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और इस विवाद का समाधान किस प्रकार निकलता है।

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