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महिला नसबंदी में दूसरे तथा आईयूसीडी सेवा में तीसरे स्थान पर काबिज है चंदौली

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” थीम के साथ जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस मुहिम में महिलाएँ, पुरुषों से आगे निकलकर अधिक ज़िम्मेदार साबित हो
 
महिला नसबंदी में दूसरे तथा आईयूसीडी सेवा में तीसरे स्थान पर काबिज है चंदौली

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चंदौली जिले में “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” थीम के साथ जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा है।
यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस मुहिम में महिलाएँ, पुरुषों से आगे निकलकर अधिक ज़िम्मेदार साबित हो रही हैं। पखवाड़े में 29 जुलाई तक चंदौली जनपद स्थायी साधन महिला नसबंदी सेवा प्रदान कराने में प्रदेश में दूसरे स्थान पर चल रहा है। साथ ही अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर लगने वाले अस्थायी साधन ‘आईयूसीडी’ सेवा में प्रदेश में तीसरे स्थान पर चल रहा है।

अभियान के दौरान शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए परिवार नियोजन सेवाओं और उसके प्रचार-प्रसार की गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं जिनका असर देखने को मिल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान 11 से 29 जुलाई तक 342 महिलाओं ने नसबंदी करवाई है और 3,392 महिलाओं ने आईयूसीडी (कॉपर-टी) की सेवा ली। वहीं 265 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी (प्रसव के तुरंत बाद) और 929 ने अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन को अपनाया है। साथ ही 14,104 छाया एवं आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली और 91,028 कंडोम का भी वितरण किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके मिश्रा ने बताया कि जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता के साथ लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरुक करने और सेवा प्रदान करने में जुटा है। लोगों को छोटे परिवार के बड़े फायदे बताने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार और माइकिंग कराई जा रही है। आशा कार्यकर्ता परिवार नियोजन की स्थायी तथा अस्थाई विधियों के बारे में लोगों को जागरुक करने के साथ ही उन्हें अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर-घर अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों का वितरण भी कर रही हैं। समुदाय और चिकित्सा इकाई स्तर पर भी इच्छुक लाभार्थियों की काउंसिलिंग कर परिवार नियोजन के विभिन्न गर्भ निरोधक साधन (बास्केट ऑफ च्वायस) उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि पखवाड़े के दौरान महिला लाभार्थियों को तिमाही गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी सेवाओं को अपनाने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जा रहा है । साथ ही नसबन्दी सेवा (महिला एवं पुरूष) के लिए दंपत्तियों को जागरूक कर प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही पखवाड़े की समीक्षा कर उन ब्लाकों के चिकित्सा अधिकारियों को सुधार के लिए निर्देश दिए गए हैं जिनकी प्रगति कम रही है।

पुरुष नसबंदी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रयास
स्वास्थ्य विभाग के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता एएनएम, आशा और संगिनी अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता समुदाय में पुरुषों को नसबंदी के लिए विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है और लगातार प्रयासरत है, क्योंकि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बहुत ही आसान प्रक्रिया है। पुरुष नसबंदी में कोई भी चीरा नहीं लगाया जाता है और इसमें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है और पुरुष जल्द ही पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं। इसमें पुरुष की यौन क्षमता पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि पुरुष नसबंदी के बाद लाभार्थी को तीन माह तक कंडोम का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

मिशन परिवार विकास के तहत मिलती है प्रोत्साहन राशि
मिशन परिवार विकास के अंतर्गत आने वाले जनपद चंदौली में लाभार्थियों को स्थायी और अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों को अपनाने पर प्रतिपूर्ति राशि भी दी जाती है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों को 3000 रुपये और महिलाओं को 2000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। इसके अलावा पोस्टपार्टम स्टर्लाईज़ेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 3000 रूपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। जबकि अस्थाई विधियों में पीपीआईयूसीडी और आईयूसीडी के लिए लाभार्थी को 300 रुपये तथा अंतरा इंजेक्शन लगवाने वाली लाभार्थी को 100 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है।

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