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इमजेंसी में मरीजों को तत्काल अटेंड करने में होती है लापरवाही, देख लीजिए नमूना

सूचना मिलने पर उनके परिचित लोग उनको इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए, लेकिन लगभग 20 मिनट तक अपना मरीज दर्द की पीड़ा से कराहता रहा और वहां पर कोई उनका मददगार नहीं दिखा। 
 

शिकायत करने व खामी उजागर करने पर होता है हंगामा

जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का मामला

घायल मरीजों को भी कोई नहीं करता अटेंड


चंदौली जिला हॉस्पिटल में शिवसेना नेता अजय पासवान अपने करीबी अभिमन्यु मिश्रा के सड़क हादसे में घायल होने की सूचना पर मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे तो वहां पर देखा कि लगभग आधे घंटे तक इमजेंसी में मरीज ऐसे पड़ा रहा है। वहां पर चिकित्सक के न होने से वह मरीज दर्द के मारे कराह रहा था, लेकिन कोई इसके इलाज में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। 

 

बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले अभिमन्यु मिश्रा मंगलवार को चंदौली आते समय नवहीं पेट्रोल पंप के पास एक एक्सीडेंट में घायल हो गये थे। सूचना मिलने पर उनके परिचित लोग उनको इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए, लेकिन लगभग 20 मिनट तक अपना मरीज दर्द की पीड़ा से कराहता रहा और वहां पर कोई उनका मददगार नहीं दिखा। 

 

इस दौरान जब अजय पासवान उस मरीज का वीडियो बनाकर अस्पताल की स्थिति उजागर करने की कोशिश कर रहे थे तभी डॉक्टर साहब मौके पर पहुंचे और वीडियो बनाने पर बौखला गए धमकी देते हुए बोलने लगे कि सभी लोगों को मुकदमा दर्ज कराकर जेल भिजवा दूंगा। अस्पताल में मरीज का वीडियो बनाने का तुम लोगों को कोई अधिकार नहीं है।

 

इतना ही नहीं डॉक्टर साहब जातिसूचक व विकलांग सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपनी खामी को छिपाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि इतना सब होने के बाद भी जब डॉक्टर साहब पहुंचे तो मरीज को सुई लगवाकर और भी दवाएं देने की पहल शुरू करवायी। सिर और पैर में चोट लगने के बवाजूद भी मामला गंभीर नहीं था, लेकिन अगर कोई मरीज सीरियस होता तो 20 मिनट आधे घंटे में उसकी क्या हालत होती इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। 

 

शिवसेना नेता अजय पासवान ने इस मामले में जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उर्मिला सिंह से संज्ञान लेने की मांग की है और कहा है कि ऐसी स्थिति में सीरीयस मरीजों को तत्काल चिकित्सा न मिलने पर जान जा सकती है। इससे जिला अस्पताल की बदनामी होती है। इमरजेंसी ड्यूटी में रहने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों को तत्काल मरीजों को अटेंड करना चाहिए।

इस संबंध में अस्पताल में तैनात इमरजेंसी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि जब जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा तो पहले तो इस मरीज का चेकअप कर कार्यवाही की जा रही थी।  उसका चेकअप  के बाद प्रथम  इलाज किया जा रहा था और उसके मौजूद स्टाफ द्वारा इलाज कार्य जारी था लेकिन उनके साथ आए हुए कुछ लोगों द्वारा अभद्रता करते हुए परिसर में तंबाकू और गुटखा का प्रयोग कर रहे थे । जब मैं बाथरूम करने गया तो  इस दौरान उनके द्वारा वीडियो बनाकर वायरल करने का कार्य किया जा रहा था । जबकि  मामले  की  जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को भी मैंने दी है । जो आरोप लगाया जा रहा है वह सरासर गलत है नही तो  सी सी टी वी  फुटेज भी देखा जा सकता है ।

 

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