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धान की रोपाई के लिए मिलेगा पर्याप्त पानी, 44 दिन तक मिल सकेगी सिंचाई सुविधा

दक्षिणी चंदौली में धान की खेती पूरी तरह बारिश और बांधों के जल पर निर्भर है। चंद्रप्रभा व कर्मनाशा सिस्टम से जुड़ी नहरों को फुल गेज में चलाने पर मात्र 7 दिन में धान की नर्सरी तैयार करने लायक पानी मिल जाता है।
 

कृषि प्रधान क्षेत्र को मिली राहत

चंद्रप्रभा और कर्मनाशा सिस्टम के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी

चंदौली के बांधों में पर्याप्त पानी होने का अनुमान

चंदौली जिले के राजदरी वनांचल सहित दक्षिणी ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के लिए खरीफ सीजन में धान की रोपाई को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है। अधिशासी अभियंता सर्वेश चंद्र सिन्हा के बताया कि इस बार मानसून पूर्व हुई वर्षा और पूर्व के स्टोरेज से कर्मनाशा सिस्टम के बांधों में 44 दिन और चंद्रप्रभा सिस्टम में 21.5 दिन का पानी उपलब्ध है। इससे किसानों को धान की नर्सरी डालने और रोपाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।

गत वर्षों की तुलना में यह स्थिति बेहतर है, क्योंकि पिछले तीन सालों से मानसून कमजोर रहने के कारण किसानों को समय से सिंचाई जल नहीं मिल पा रहा था। विशेषकर टेल के गांवों में स्थिति गंभीर बनी रहती थी। इस बार मूसाखांड़ बांध का जलस्तर 345.5 फीट, लतीफशाह बीयर 275.6 और चंद्रप्रभा बांध 755.7 फीट पर है। विभाग के अनुसार, चंद्रप्रभा सिस्टम की नहरें इस जलस्तर से करीब 21.5 दिन चलाई जा सकती हैं।

दक्षिणी चंदौली में धान की खेती पूरी तरह बारिश और बांधों के जल पर निर्भर है। चंद्रप्रभा व कर्मनाशा सिस्टम से जुड़ी नहरों को फुल गेज में चलाने पर मात्र 7 दिन में धान की नर्सरी तैयार करने लायक पानी मिल जाता है। वर्तमान में बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में पर्याप्त जल भराव है, जिससे इस बार खेती पर संकट की आशंका नहीं है।

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