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सीएचसी का निर्माण है आधा अधूरा, खर्च हो गए सवा चार करोड़, कौन कराएगा कंप्लीट

बरहनी विकास खंड के लोगों को बेहतर इलाज के लिए लगभग 4.21 करोड़ की लागत से 30 बेड के सीएचसी का निर्माण 13 वर्ष पूर्व शुरू कराया गया था।
 

 राजकीय निर्माण निगम को मिला था ठेका

कमीशन लेकर से गए अधिकारी

उपचार के लिए लोगों को आना पड़ता है चंदौली

चंदौली जिले के बरहनी क्षेत्र में 13 वर्ष पहले सवा चार करोड़ से बनने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अब तक अधूरा है, जबकि जारी की गई पूरी धनराशि भी खर्च कर दी गई है। निर्माण अधूरा रहने व सरकारी धन के घपला करने की शिकायत पर इसकी जांच भी हो रही है। इसका खामियाजा इलाके के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि लगभग डेढ़ लाख से अधिक आबादी को इलाज के लिए 40 से 50 किमी दूर जाना पड़ता है। लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधा के लिए तरस रहे लोगों में अब आक्रोश बढ़ने लगा है।

बताते चलें कि बरहनी विकास खंड के लोगों को बेहतर इलाज के लिए लगभग 4.21 करोड़ की लागत से 30 बेड के सीएचसी का निर्माण 13 वर्ष पूर्व शुरू कराया गया था। मरीजों को भर्ती करने के साथ हो ओपीडी की व्यवस्था रखी गई। निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को दी गई। समय से कार्य शुरू हो गया। हालांकि निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ।

शासन व प्रशासन की ओर से मानिटरिंग नहीं होने से निर्माण के लिए जारी सरकारी धन का गबन किया गया। नतीजा रहा कि कार्य अधूरा पड़ा है। जारी पूरी धनराशि भी खर्च कर दी गई।

इस संबंध में इमिलिया ग्राम के पूर्व प्रधान अनुज सिंह ने बताया कि क्षेत्र में सीएचसी नहीं बनने से लोग उपचार के लिए तरस जाते हैं। संपन्न लोग कोई व्यवस्था बनाकर उपचार कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंच जाते हैं, लेकिन अन्य लोगों को उपचार के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

इस संबंध में चिरईगांव के निवासी अख्तर अंसारी ने बताया कि क्षेत्र में सीएचसी नहीं होने से हम लोगों को उपचार के लिए निजी चिकित्सालय में जाना पड़ता है। निजी चिकित्सक लोगों से मनमाना फीस वसूलते हैं।

इस संबंध में अवरैझ्या ग्राम निवासी पार्वती सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से महिलाओं को उपचार करने में काफी कठिनाइयों होती है। अगर सामुदायिक स्वास्थ्य होता तो महिलाओं को उपचार के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ती।

इस संबंध में अवरैझ्या ग्राम निवासी सविता देवी ने कहा कि नजदीक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से उपचार के दर-दर भटकना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को कोई प्रवाह नहीं। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

इस संबंध में बरहनी ग्राम निवासी नरेंद्र सिंह किरन का कहना है कि बरहनी पीएचसी है, लेकिन हर रोग का यहां उपचार नहीं मिलता है।हम लोगों को उपचार के लिए जिला अस्पताल जाना होता है, नहीं तो निजी चिकित्सालय में जाकर उपचार करने को मजबूर होते हैं।

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