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छठ पूजा पर एकजुट हुए गांव के लोग, आस्थावानो का उमड़ा जनसैलाब

जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा। उनकी मनोकामनाएं पूरी हुईं और पांडवों को राजपाट वापस मिल गया।
 

लोक आस्था का प्रतीक छठ पूजा के दौरान भक्तों का उमडा जन सैलाब शाम को सूर्यास्त के समय और सुबह सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को जल का अर्ध देकर व्रती महिलाओ ने व्रत को सार्थक बनाने का संकल्प लिया ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय स्थित ग्राम जसुरी में नवयुवक मंगल दल व ग्राम प्रधान मिता पासवान के सौजन्य से छठ घाट पर सुरक्षा व्यवस्था व तालाबों की सफाई का जिम्मा उठाया गया जिसमें मुख्य रूप से पिंटू सिंह बीडीसी नव युवक मंगल दल के युवाओं द्वारा सुरक्षा व्यवस्था किया गया।

chhath puja

आपको बता दें कि ग्राम प्रधान मिता पासवान ने कहा कि महाभारत काल में द्रौपदी परिवार की सुख-शांति और रक्षा के लिए छठ का पर्व बनाया था। जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा। उनकी मनोकामनाएं पूरी हुईं और पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। लोक परंपरा के अनुसार, सूर्य देव और छठी मईया का संबंध भाई-बहन का है।

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बताते चलें कि पिंटू कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, और प्रसाद और अर्घ्य देना शामिल है। आमतौर पर महिलाएं होती हैं। हालांकि, बड़ी संख्या में पुरुष इस उत्सव का भी पालन करते हैं क्योंकि छठ लिंग-विशिष्ट त्यौहार नहीं है। छठ महापर्व के व्रत को स्त्री - पुरुष - बुढ़े - जवान सभी लोग करते हैं। त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है। आमतौर पर महिलाएं होती हैं। हालांकि, बड़ी संख्या में पुरुष इस उत्सव का भी पालन करते हैं क्योंकि छठ लिंग-विशिष्ट त्यौहार नहीं है। छठ महापर्व के व्रत को स्त्री - पुरुष - बुढ़े - जवान सभी लोग करते हैं।

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बता दें कि दिलीप कुमार दुबे भाजपा नेता ने कहा कि छठ पर्व कि अन्य कथाओ के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य के देव सूर्य मंदिर में रनबे (छठी मैया) अपनी पुत्री की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था।

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इस मौके पर सुभाष पासवान,पिंटू कुमार सिंह, दिलीप कुमार दुबे, राकेश सिंह,सुजीत यादव,विंध्याचल यादव,अंशु सिंह, मौजूद रहे।

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