कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत मिलेगा लाभ
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चंदोली जिले के न्यायाधीश विनय कुमार दिवेदी ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभ दिलाने के लिए निर्देश दिया है।
इस सम्बन्ध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव हिमांशु सुधीर द्वारा बताया गया कि कोविड के दौरान जो बच्चा अपने माता पिता को खो चुका है उसके जीवन में रोशनी लाने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना 2021 का शुभारंभ किया गया है ।
इस योजना से उद्देश्य अनाथ बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना और उनको गलत हाथों में जाने से बचाए रखना है । इसके योजना के अंतर्गत अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण एवं शिक्षा की सारी व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा जाएगा ।
उन्होंने बताया कि इस योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 18 वर्ष के बच्चों को बैंक खाते में ₹4000 प्रतिमाह दिया जाएगा इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीकरण किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया जाए ।
आप को बता दें कि बच्चों का समय से टीका कराया जाएगा और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जाएगा । इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गए हैं और बाल कल्याण समिति के आदेश के तहत संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में आवासी कराए गए हैं। उन को कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा ।
11 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए 12 तक की शिक्षा निशुल्क प्रदान करने के लिए अटल आवासीय विद्यालय तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में प्रवेश कराया जाएगा। ऐसे संरक्षक को 3 माह के अवकाश की अवधि में ₹12000 प्रति वर्ष खाते में दिए जाएंगे । यह राशि कक्षा 12 तथा 18 वर्ष की उम्र दोनों में से जो पहले लागू होगी उस पर दिया जाएगा।
यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश दिलाना नहीं चाहते हैं तो बच्चों की देखभाल वह पढ़ाई के लिए उन्हें 18 वर्ष का होने तक भारत की शिक्षा पूर्ण होने तक ₹4000 रुपए की धनराशि दी जाएगी। बच्चों का मान्यता प्राप्त विद्यालय में एडमिशन होना चाहिए ।
इस योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं की शादी के लिए ₹110000दिए जाएंगे तथा कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसाय शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि बच्चे की चल और अचल संपत्ति की सुरक्षा का प्रबंध जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल कल्याण समिति द्वारा सिंघन कर के 15 दिन के अंदर प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी ।
आप को बता दें कि निर्धारित प्रारूप पूर्ण रूप से भरकर ऑनलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम विकास पंचायत अधिकारी एवं विकास खंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किया जाए शहरी क्षेत्रों में लेखपाल एवं तहसील या जिला प्रवेशन कार्यालय में जामा किया जाए ।माता पिता के मृत्यु से दो वर्ष के अंदर की तिथि मान्य होगी ।
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