भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी

बिजली के निजीकरण का किया विरोध
कलक्ट्रेट गेट पर भाजपा सरकार के विरुद्ध जमकर की नारेबाजी
मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा
चंदौली जिले में बिजली निजीकरण के विरोध में गुरुवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्स वादी कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर धरना दिया। वहीं अधिशासी अभियंता कार्यालय के साथ ही कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर भाजपा सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया। सीपीएम कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर ही डीएम के वाहन का घेराव भी किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस कर्मियों से हल्की नोंकझोंक हुई। अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे को सौंपा। चेताया कि मांगों पर अमल नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन को विवश होंगे।

इस अवसर पर राज्य कमेटी सदस्य कामरेड गुलाबचंद ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिजली का निजीकरण करके गरीबों के घरों को अंधेरा कर रही है। महंगाई और बेरोजगारी के चलते त्रस्त जनता बिजली के अधिक अधिभार को झेल नहीं पाएगी। कहा कि 1948 में ही बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में ही लिखा था कि बिजली एक सामाजिक जरूरत की चीज है। उसे बिना लाभ हानि के सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता को मुहैया कराए। लेकिन सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। बिजली के निजीकरण से आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को परेशानी होगी।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार अपने वादे के मुताबिक 200 यूनिट बिजली मुफ्त करने से मुकर रही है। बिजली का निजीकरण करके किसानों की खेती की लागत को बढ़ाया जा रहा है। निजी क्षेत्र में बिजली जाने से पूंजीपति मालामाल होंगे और जनता तबाह होगी।
इस मौके पर लालचंद सिंह यादव सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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