जिले में चुनाव चिह्न आवंटन के दौरान ब्लाक मुख्यालय पर देखी गयी भारी भीड़
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चंदौली जिले में एक तरफ रविवार को कोरोना कर्फ्यू आम लोगों के लिए प्रभावी था तो वहीं दूसरी ओर पंचायत चुनाव लड़ने वालों को इसे तोड़ने की मौन छूट मिली हुई थी।
जनपद के किसी भी ब्लाक मुख्यालय के बाहर व अंदर की तस्वीरों को देखकर इसकी पुष्टि की जा सकती है। एक तरफ जहां संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की ओर से इसमें ढील दी जा रही है। इससे संक्रमण के भयावह रूप लेने का पूरी आशंका है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो चुनाव लड़ने व जीतने की जद्दोजहद में उम्मीदवार व उनके समर्थक गांवों में घर-घर कोरोना का संक्रमण बांट आएंगे।
दरअसल रविवार को ब्लाक मुख्यालयों व कलेक्ट्रेट पर पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए नाम वापसी व प्रतीक चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया मुकम्मल करने के लिए बुलाया गया था। ऐसे में सुबह से ही प्रत्याशियों व उनके समर्थकों की भीड़ संबंधित ब्लाक मुख्यालय पर देखने को मिली। भीड़ इस कदर थी कि मानों ब्लाक मुख्यालय पर किसी मेले का आयोजन किया गया हो। एक तरफ जहां सड़कों पर व बाजारों में सन्नाटा था वहीं ब्लाकों में सैकड़ों की बेतरतीब भीड़ मौजूद रही। यह भीड़ पूरे दिन ब्लाक मुख्यालयों में डटी रही।
प्रतीक चिन्ह आवंटन में विलंब की वजह से लोगों की भीड़ देर शाम तक ब्लाक मुख्यालयों पर नजर आई जिसे देखकर इस भयावह स्थिति में किसी का भी डरना व सहम जाना लाजिमी था। यह बात न तो चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की समझ में आ रही है और न ही इस व्यवस्था को संभालने के लिए जिम्मेदार पुलिस व प्रशासनिक अफसर ही समझ रहे हैं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच यदि इतनी बड़ी लापरवाही बार-बार बरती गई तो जनपद के शहरी इलाके के साथ-साथ ग्रामीण इलाके भी पूरी तरह से कोरोना संक्रमण की जद में आ जाएंगे।
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