चंदौली में इसलिए पहले से डीएपी खाद इकट्ठा करने लगे हैं किसान, यह है सरकारी प्लान
डीएपी खाद इकट्ठा करने लगे हैं किसान
गेहूं की बुवाई के लिए तैयारी
चंदौली जिले में खरीफ की फसल खेतों में लगभग तैयार हो चुकी है। कई इलाकों में धान की कटाई के साथ साथ गेहूं की बुवाई के लिए काम शुरू हो रहा है। रबी की बुआई में जिले में हर साल चंदौली जिले में डीएपी खाद की डिमांड अधिक होती है। इसके लिए मारामारी मचती है तो उंचे दाम पर भी बिकने लगती है।
कहा जा रहा है कि चंदौली जिले के सरकारी गोदामों में फिलहाल चार हजार एमटी डीएम उपलब्ध है। जबकि दस हजार एमटी खाद की खपत होती है। ऐसे में पीक सीजन में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। रबी के सीजन में 1.15 लाख हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य निर्धारित है। फसल के बुआई के दौरान डीएपी और एनपीके की अच्छी डिमांड रहती है।
आपको बता दें कि अब अधितकर किसान जुताई के दौरान जीरो ट्रील मशीन से खाद और बीज को एक साथ खेत में डालते है। करीब दस हजार एमटी डीएपी और सात हजार एनपीके की खपत रबी के सीजन में होती है। लेकिन सरकारी गोदामों में मात्र चार हजार डीएपी ही उपलब्ध है। ऐसे में रबी के सीजन में किसानों को खाद के लिए निजी दुकानों का सहारा लेना पड़ सकता है। इसके लिए सबको अधिक कीमत भी चुकानी पड़ सकती है।
अफसर कह रहे हैं कि खाद की समस्या को देखते हुए शासन को डिमांड भेजा दिया गया है। फिरहाल जिले के सरकारी गोदामों में चार हजार डीएपी उपलब्ध है। कुछ किसान फसल की बुआई से पहले खाद खरीद रहे है। जिससे अन्य किसानों में खाद लेने की उत्सुकता बढ़ गई है। लोगों को समस्या न हो इसके लिए विभाग अपनी तैयारी कर रहा है।
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