विकास अधिकारी कार्यालय साफ नहीं तो जिले की क्या बात करें
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली जिले में कोरोना काल में सरकार का पूरा फोकस स्वच्छता पर है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च भी किए जा रहे। हालांकि अधिकारी जब अपने दफ्तरों की सफाई को लेकर ही गंभीर नहीं है तो जिले की क्या बात कर सकते है।
आप को बता दें कि विकास भवन के कोने में दवाइयों के रैपर व पैकेट सड़कर दुर्गंध फैला रहे हैं। हालांकि जिले के आला अधिकारियों की इस पर नजर नहीं है। विकास भवन परिसर में गंदगी को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
विकास भवन सभागार में कोरोना मरीजों के लिए दवा की पैंकिग का काम किया जा रहा है। सफाईकर्मी दवा की पैकिग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में कोरोना लक्षणयुक्त मरीजों में इसका वितरण करने वाले सफाईकर्मी दवा के रैपर और डिब्बे कोने में फेंक देते हैं। इन्हें हटाने की जहमत नहीं उठाई जा रही।
ऐसे में कचरे का ढेर बढ़ता ही जा रहा है। जहां कचरा रखा इकट्ठा किया जा रहा, वहीं छत से पानी भी गिरता है। ऐसे में मलबा भींगकर सड़ने लगा है। इससे निकलने वाली दुर्गंध लोगों को परेशान कर रही है। हालांकि अधिकारी बेखबर बने हुए हैं। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
इस सम्बन्ध में लोगों का कहना रहा कि जब जिले के विकास की बागडोर संभाल रहे मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय की यह स्थिति है तो जिले के शेष इलाके क्या हाल होगा।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*