अब डिजी लॉकर में लॉक होगी नौनिहालों की कुंडली, एक क्लिक में देखा जा सकता है बच्चों के शैक्षणिक रिकार्ड, आईडी में व्यक्तिगत और शैक्षणिक डेटा रहेगी सुरक्षित
चंदौली जिले में परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन करने वाले बच्चों का व्यक्तिगत व शैक्षिणक डेटा रिकार्ड की कुंडली कुड अपार आईडी में सुरिक्षत रखी जाएगी। इसके लिए डिजी लॉकर बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों की आईडी बनाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अपार आईडी आधार से लिंक रहेगा। एक क्लिक से किसी भी छात्र का शैक्षणिक रिकार्ड देखा जा सकता है। इसमें पाठ्यक्रम, अंक प्रमाण पत्र और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में प्राप्त उपलब्धियां शामिल होंगी।
केंद्र और प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने को लेकर हर स्तर से प्रयासरत है। कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की अपार आईडी बनाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अपार को शिक्षा मंत्रालय की ओर से स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, और कौशल शिक्षा में पढ़ रहे छात्रों के लिए तैयार किया गया है। यह अपार आईडी प्रत्येक छात्र के शैक्षिणक इतिहास का एक विस्तृत और स्थाई अभिलेख बनाए रखने में मदद करेगा। इसमें लिए गए पाठ्यक्रम, अंक, प्रमाण पत्र और विभिन्न शैक्षिणक संस्थानों में प्राप्त उपलब्धियां शामिल होंगी।
इसके तहत जिले के 1,185 परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन कर रहे लगभग पौने दो लाख बच्चों की अपार आईडी बनायी जाएगी। अपार आईडी को छात्रों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए बनाया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनकी व्यक्तिगत और शैक्षणिक जानकारी सुरक्षित है। प्रत्येक छात्र की अपार आईडी बनाने के लिए माता-पिता और अभिभावकों के साथ बहुभाषी सहमति पत्र साझा किए जाते हैं। इस अपार आईडी को शैक्षणिक क्रेडिट बैंक और विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाएगा तो यह एक व्यापक निगरानी ढांचे को सक्षम करेगा। यही नहीं शैक्षणिक परिणामों, छात्रवृत्तियों, लाभकारी कार्यक्रमों, राज्य और केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई अन्य योजनाओं की प्रभावशीलता को समझा जा सकता है। अपार प्रत्येक छात्र की नामांकन, उपस्थिति, अंक प्रगति आदि को आरटीई अधिनियम के अनुरूप ट्रैक करने में सुविधा प्रदान करेगा।
इस सम्बंध में बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चो का व्यक्तिगत व शैक्षणिक डेटा रिकार्ड सुरक्षित रखने के लिए अपार आईडी जनरेट की जा रही है। इसके लिए स्कूलों में मेगा शिविर आयोजित कर आईडी बनायी जा रही है।
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