चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह का आरोप, इसलिए बनारस में नहीं हो रही है 'दिशा' की बैठक, जानबूझकर टाल रहे अधिकारी

सांसद वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया
अधिकारी अपनी कलई खुलने के डर से 'दिशा' की बैठक नहीं करवा रहे
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की व्यस्तता के बहाने टल रही बैठक
चंदौली जिले के सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वाराणसी जिले के अधिकारी जानबूझकर दिशा (जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) की बैठक नहीं बुला रहे। वह अपनी कलई खुलने से डर रहे हैं। इसलिए अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की व्यस्तता बताकर इसे बार-बार टाल रहे हैं। नियमतः विकास योजनाओं की समीक्षा के लिए यह बैठक हर तीन महीने पर होनी चाहिए। लेकिन ये अधिकारी काम पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।

आपको बता दें कि वीरेंद्र सिंह सोमवार को टैगौर टाउन (अर्दली बाजार) स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाराणसी में लंबे समय से 'दिशा' की बैठक नहीं हुई है। मैंने इस संबंध में पांच पत्र प्रधानमंत्री मोदी को लिखे हैं। हर बार पत्र का संज्ञान लिया गया, लेकिन बैठक नहीं कराई गई।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कहा कि नए वफ्फ कानून में कई अच्छाइयां हैं लेकिन खामियां भी हैं। भाजपा सरकार ने गुप्त एजेंडे के तहत इसे पारित कराया है ताकि लोगों का ध्यान सिर्फ हिंदू-मुस्लिम पर केंद्रित रहे।
उन्होंने प्रदेश सरकार की शराब नीति पर भी सवाल उठाए। कहा कि नियमानुसार किसी बस्ती में शराब की दुकान नहीं खोली जा सकती लेकिन पिछड़ों और अनुसूचित जाति के लोगों की बस्ती के बीच में शराब की दुकानें खोली गई हैं। आरोप लगाया कि ऐसा चुनाव के दौरान मतदाताओं को शराब बांटने की साजिश के तहत किया जा रहा है।
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