डॉ. नैंसी पारुल बनीं उप प्रधानाचार्य: मेडिकल कॉलेज को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प

डॉ. नैंसी पारुल को उप प्रधानाचार्य बनने पर बधाईयों का लगा रहा तांता
बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज में सेवा की नई जिम्मेदारी
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बनीं डॉ. नैंसी पारुल
चंदौली जिले के बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज चंदौली में शैक्षणिक और चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ गया है। कॉलेज की सहायक आचार्य डॉ. नैंसी पारुल को उप प्रधानाचार्य के पद पर प्रमोशन मिलने की खबर जैसे ही सामने आई, बधाईयों का तांता लग गया। न केवल मेडिकल कॉलेज का स्टाफ बल्कि छात्रों और जिले के जनप्रतिनिधियों से लेकर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। यह पदोन्नति जहां एक ओर डॉ. नैंसी के लिए व्यक्तिगत उपलब्धि है, वहीं दूसरी ओर पूरे कॉलेज के लिए गौरव का क्षण है।

आपको बता दें कि डॉ. नैंसी पारुल का जीवन संघर्षों और मेहनत की मिसाल रहा है। मूल रूप से बिहार प्रांत से ताल्लुक रखने वाली डॉ. नैंसी का जन्म और पालन-पोषण वाराणसी जिले में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में ही संपन्न हुई, जिसके बाद उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। कठिन परिश्रम और उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन के बल पर उन्होंने यह डिग्री पूरी की और इसके बाद मैंगलोर से एम एस की डिग्री प्राप्त की। चिकित्सा के क्षेत्र में गहराई से कार्य करने की भावना से प्रेरित होकर उन्होंने एंडोक्राइनोलॉजी की विशेष शिक्षा प्राप्त की और तीन वर्षों तक वहीं कार्य किया।

चिकित्सा सेवा की भावना और अपने गृहक्षेत्र के लोगों की सेवा का जज्बा उन्हें बनारस वापस खींच लाया। उन्होंने 5 दिसंबर 2023 को चंदौली के बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य के पद पर कार्यभार संभाला। उनकी कार्यशैली, समर्पण और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए अब उन्हें उप प्रधानाचार्य के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्लीनिकल सेवाओं को प्राथमिकता
अपने प्रमोशन के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. नैंसी पारुल ने अपने आगामी कार्यों की प्राथमिकताओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता क्लीनिकल सेवाओं को मजबूत करना रहेगा। उनके अनुसार, “एक क्लीनिकल विशेषज्ञ होने के नाते मेरा कर्तव्य बनता है कि हम अपने मरीजों को सर्वोत्तम उपचार उपलब्ध कराएं। मरीजों को छोटी-छोटी क्लीनिकल समस्याओं के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े, इसकी जिम्मेदारी मैं और मेरी टीम लेगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज में ही सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल, गायनिक और सर्जिकल विभागों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा। अभी तक अस्पताल में दूरबीन विधि से ऑपरेशन की सुविधा नहीं है, जिसे शीघ्र ही शुरू कराने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एंडोस्कोपी जैसी आधुनिक जांच सुविधा भी अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे रोगों की जल्दी पहचान कर मरीजों को उचित इलाज प्रदान किया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं
डॉ. नैंसी पारुल ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी दृष्टि केवल शहरी क्षेत्र तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरी यह प्राथमिकता रहेगी कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचे। इसके लिए हम डॉक्टरों की टीम बनाकर गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराएंगे। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को मेडिकल कॉलेज लाकर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उपचार कराया जाएगा।”
उनका यह विजन न केवल ग्रामीण जनता के लिए राहतकारी है, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक सकारात्मक पहल भी मानी जा सकती है। इससे लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और समय रहते इलाज भी संभव हो सकेगा।
कॉलेज में सुविधाओं का विस्तार
डॉ. नैंसी पारुल की पदोन्नति के साथ ही कॉलेज प्रशासन भी विकास की दिशा में अग्रसर दिखाई दे रहा है। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अमित सिंह ने जानकारी दी कि मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भवन का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और अगले 10 से 15 दिनों में उसका हैंडओवर हो जाएगा। इसके बाद अस्पताल की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी उप प्रधानाचार्य डॉ. नैंसी पारुल को दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि 12 बेड वाला आईसीयू वार्ड भी जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे गंभीर मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सकेगी। यह चंदौली जैसे जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
छात्रों में उत्साह
डॉ. नैंसी पारुल की पदोन्नति की खबर जैसे ही कॉलेज में फैली, छात्रों के बीच हर्ष का माहौल देखने को मिला। कई छात्रों ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई दी और उनके साथ फोटो खिंचवाए। छात्रों का मानना है कि डॉ. नैंसी पारुल एक अनुशासित और समर्पित शिक्षिका हैं, जिनकी शिक्षा देने की शैली बहुत प्रभावी है। उन्हें यह उम्मीद है कि कॉलेज का भविष्य अब और अधिक उज्ज्वल होगा।
छात्राओं ने विशेष रूप से कहा कि डॉ. नैंसी पारुल का महिला होने के बावजूद इस पद तक पहुंचना उनके लिए प्रेरणा है। इससे उन्हें यह विश्वास मिला है कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
महिला नेतृत्व की मिसाल
डॉ. नैंसी पारुल का यह प्रमोशन महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम माना जा सकता है। चिकित्सा जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में महिला नेतृत्व का बढ़ना समाज के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने न केवल पुरुष प्रधान वातावरण में अपनी जगह बनाई, बल्कि अपने कार्यों से यह साबित भी किया कि महिला नेतृत्व किसी भी दृष्टि से कम नहीं है।
उनकी उपलब्धि से समाज में यह संदेश गया है कि बेटियाँ अगर चाहें तो शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त कर सकती हैं। उनके कार्यों और विजन से प्रेरित होकर निःसंदेह कई युवा महिलाएं चिकित्सा और शैक्षणिक क्षेत्र में अपना करियर बनाने की ओर प्रेरित होंगी।
डॉ. नैंसी पारुल ने अंत में कहा कि वह हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहेंगी और मेडिकल कॉलेज को एक आदर्श संस्था के रूप में स्थापित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह पद सम्मान के साथ-साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। मैं दिन-रात मेहनत कर यह सुनिश्चित करूंगी कि यह कॉलेज चिकित्सा शिक्षा और सेवा दोनों के क्षेत्र में एक मिशाल बने।”
इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी चिकित्सकों, छात्रों, शिक्षकों और नागरिकों ने डॉ. नैंसी पारुल को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उनके इस नए पद और जिम्मेदारी के साथ मेडिकल कॉलेज को एक नई दिशा और ऊँचाई मिलने की पूरी उम्मीद की जा रही है।
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