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DSP अजय प्रताप सिंह ने बुजुर्गों को बांटे कपड़े और फल, समाज सेवा को बताया जीवन का उद्देश्य

पत्रकारों द्वारा पटना में उन पर लगे आरोपों से जुड़े सवाल पर डीएसपी ने संयम और आत्मविश्वास के साथ कहा, “यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
 

वृद्धाश्रम में एक बार फिर से पहुंचे डीएसपी अजय प्रताप सिंह

वहां के लोगों में  किया वस्त्र और फल वितरण

तीन वर्षों से लगातार कर रहे हैं इस तरह का सेवा कार्य 

चंदौली जिले के मधुपुर क्षेत्र स्थित वृद्धाश्रम में रविवार को एक विशेष आयोजन के तहत पटना में पदस्थापित डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने बुजुर्गों के बीच वस्त्र और फल वितरित किए। मूल रूप से ग्राम तोरवा निवासी अजय प्रताप सिंह पिछले तीन वर्षों से लगातार यह सेवा कार्य करते आ रहे हैं। इस बार भी सुबह 10:30 बजे वे वृद्धाश्रम पहुंचे और बुजुर्गों के साथ समय बिताया।

इस अवसर पर डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने कहा कि यह कार्य अब उनके जीवन की आदत बन चुका है। “जब भी अवसर मिलता है, मैं यहां जरूर आता हूं। वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है, जो समाज के बदलते व्यवहार का चिंताजनक संकेत है। ऐसा प्रतीत होता है कि लोग अब अपने माता-पिता की सेवा और पारिवारिक मूल्यों को भुला बैठे हैं।”

उन्होंने समाज सेवा की प्रेरणा का श्रेय अपने दादा स्व. दामोदर सिंह और पिता रामानंद सिंह को देते हुए कहा, “बचपन से यही सिखाया गया कि जरूरतमंदों की मदद करना ही सच्चा मानव धर्म है। यही हमें परिवार में वास्तविक सुख और संतोष देता है।”

पत्रकारों द्वारा पटना में उन पर लगे आरोपों से जुड़े सवाल पर डीएसपी ने संयम और आत्मविश्वास के साथ कहा, “यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मैंने वही किया जो कानून और प्रशिक्षण ने सिखाया। मुझे न्याय प्रणाली पर पूर्ण विश्वास है। सत्य पराजित हो सकता है, लेकिन पराजय उसकी नियति नहीं होती।”

वृद्धाश्रम के प्रबंधन और वहां निवास कर रहे बुजुर्गों ने अजय प्रताप सिंह की इस सेवा भावना की खुले दिल से सराहना की और उनके प्रयासों को दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम के अंत में बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया और धन्यवाद ज्ञापित किया। डीएसपी सिंह का यह प्रयास समाज में सेवा, सहानुभूति और जिम्मेदारी की मिसाल प्रस्तुत करता है।

 

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