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ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर 123 किमी तक दौड़ा ट्रायल इंजन, अजीत मिश्र ने दिखायी हरी झंडी

चंदौली जिले की सीमा में बन रहे ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत गंजख्वाजा से चिरैला पौथू तक 123 किमी तक ट्रायल इंजन दौड़ा करके ट्रैक की टेस्टिंग की गयी।
 

ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

123 किमी तक दौड़ा ट्रायल इंजन

अजीत मिश्र ने दिखायी हरी झंडी
 

चंदौली जिले की सीमा में बन रहे ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत गंजख्वाजा से चिरैला पौथू तक 123 किमी तक ट्रायल इंजन दौड़ा करके ट्रैक की टेस्टिंग की गयी। ईस्टर्न डीएफसीसी के महाप्रबंधक समन्वय अजीत मिश्र ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया। इसके बाद अधिकारियों ने भी विशेष ट्रेन से रेलवे लाइन, रेलवे ओवरब्रिज, अंडरपास, सिग्नल आदि की जांच की। अब जल्द ही इस पर मालगाड़ी दौड़ाई कर कार्य को पूरा करने के संकेत दिए जाएंगे। 

मालगाड़ियों को तेज गति से दौड़ाने के लिए पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर योजना के तहत लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक अलग रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। इसके तहत पीडीडीयू जंक्शन के आगे न्यू गंजख्वाजा से चिरैला पौथू तक रेलवे ट्रैक बिछाने के बाद इसे विद्युतीकरण किया जा चुका है। इस ट्रैक को वर्तमान ट्रैक से भी जोड़ा जा चुका है। पूर्व में इस ट्रैक पर 12 हजार हार्स पावर के स्वदेशी इलेक्ट्रिक इंजन को चलाकर व्यवस्था की जांच की जा चुकी है। वहीं दो बार टावर वैगन को चलाया गया। 

इसके बाद चिरैला पौथु स्टेशन पर एक बैलास्ट ट्रेन (गिट्टी लदी मालगाड़ी) को भारतीय रेल के मौजूदा ट्रैक से नवनिर्मित कनेक्शन के माध्यम से पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर की अप लाइन पर प्रवेश कराया गया था। अब आखिरी कड़ी में 123 किलोमीटर लंबे रूट का फिर से ट्रायल किया गया। इसके बाद अब ट्रैक पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करा दिया जाएगा। 

रेल इंजन को हरी झंडी दिखाने और निरीक्षण में महाप्रबंधक इलेक्ट्रिकल अशोक कुमार, उप महाप्रबंधक यातायात राजेश कुमार प्रसाद, परियोजना प्रबंधक इंजीनियरिंग राकेश बाबू रहे।

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