फार्मर रजिस्ट्री के काम में आ रही है कई समस्याएं, इसलिए काम हो रहा है धीमा

बहुत धीमी गति से चल रहा फार्मर रजिस्ट्री का कार्य
चार माह में 41.86 प्रतिशत ही तैयार हो पाई फार्मर रजिस्ट्री
कई योजनाओं के लाभ से वंचित हो जाएंगे किसान
चंदौली जिले में जिला प्रशासन की मैराथन दौड़ के बावजूद जनपद में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। बीते 18 नवंबर से रजिस्ट्री का कार्य आरंभ है, लेकिन अब तक मसलन चार माह में 41.86 प्रतिशत यानि 2.57128 लाख किसानों के लक्ष्य के सापेक्ष 107624 किसानों की ही फार्मर रजिस्ट्री बन पाई है। हालांकि जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने फार्मर रजिस्ट्री का कार्य संतोषजनक नहीं होने को लेकर बीते दिनों समीक्षा बैठक में उप कृषि निदेशक पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तेजी लाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद फार्मर रजिस्ट्री का कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है।

दरअसल शासन ने जनपद में एग्रीस्टैंक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार प्एग्रीकल्चर) के तहत शत प्रतिशत किसानों को फार्मर रजिस्ट्री बनाने का निर्देश दिया है। इसके तहत न्याय पंचायतवार कृषि व राजस्व विभाग के कर्मियों की तैनाती की गई है, लेकिन कार्य में लगे कर्मी पोर्टल नहीं चलने का बहाना तो बना ही रहे गांवों में लगाए जाने वाले शिविर के नाम पर भी केवल कोरम पूर्ति से ही काम चला रहे हैं। वहीं जागरुकता के नाम पर प्रचार-प्रसार नहीं के बराबर है। इतना नहीं पंचायत प्रतिनिधियों की और से गांव में मुनादी भी नहीं कराई जा रही है। ऐसे में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है।

सहज जनसेवा केंद्र का सहारा
फार्मर रजिस्ट्री के कार्य में तैनात कर्मचारियों की उदासीनता के कारण किसानों को सहज जन सेवा केंद्र का सहारा लेना पड़ रहा है। जन सेवा केंद्रों पर भीड़ होने के कारण किसानों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। किसानों का तैयार होगा आनलाइन डाटा रजिस्ट्री के जरिए किसानों का आनलाइन डाटा तैयार किया जाएगा। इसमें किसान का आधार नंबर, खेत का रकवा, खसरा नंबर आदि का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके बाद एक किसान नंबर जारी होगा। इस नंबर के जरिए ही संबंधित किसान का पूरा विवरण देखा जा सकेगा। रजिस्ट्री से मिलने वाले नंबर के जरिए ही किसानों को पीएम सम्मान निधि की किस्त जारी की जाएगी। वहीं अन्य योजनाओं का लाभ भी इसी के जरिए किसानों को दिया जाएगा। इसमें किसान के हर गाटे में दो सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।
किसान रजिस्ट्री से होगा फायदा
किसान को किसी प्रकार का ऋण लेने के लिए बार-बार राजस्व रिकार्ड देना पड़ता है। किसान रजिस्ट्री होने से उनके नंबर को संबंधित एप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि का भुगतान, फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान किसानों को क्षतिपूर्ति देने के लिए किसानों को चिन्हित करने में भी आसानी होगी।
इस सम्बंध में मुख्य विकास अधिकारी आर जगत साई ने बताया कि किसान रजिस्ट्री के कार्य में तेजी लाने को सबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है, ताकि शासन के मंशा के अनुरूप कार्य हो सके।
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