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किसानों को करनी चाहिए अपनी मिट्टी की जांच, अच्छी खेती व पैदावार के लिए जरूरी

जिले की मिट्टी की सेहत काफी खराब हो रही है। मिट्टी के 1500 से ज्यादा नमूनों की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के दौरान मिट्टी में कार्बनिक जीवांश, फास्फोरस, पाटोश, जिंक, सल्फर जैसे प्रमुख तत्वों की मात्रा काफी कम पाई गई है।
 

चंदौली जिले के मिट्टी की सेहत दिन पर दिन हो रही खराब

उत्पादन पर पड़ सकता है इसका बुरा असर

मिट्टी के नमूनों की जांच के दौरान हुआ खुलासा

चंदौली जिले की मिट्टी की सेहत काफी खराब हो रही है। मिट्टी के 1500 से ज्यादा नमूनों की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के दौरान मिट्टी में कार्बनिक जीवांश, फास्फोरस, पाटोश, जिंक, सल्फर जैसे प्रमुख तत्वों की मात्रा काफी कम पाई गई है। इससे खाद्यान्न के उत्पादन पर असर पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों ने इस पर चिंता जताई है। 

आपको बता दें कि कृषि प्रधान जिले में कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दो लाख 35 हजार 807 से अधिक किसान एक लाख 29 हजार 215 हेक्टेयर में खेती करते हैं। जहां 94 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि होने के बावजूद मिट्टी की सेहत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।

रासायनिक उर्वरक के मुकाबले किसानों को लगातार नमामि गंगे के तहत प्रेरित किया जा रहा। वहीं कृषि विभाग की ओर से 20-20 हेक्टेयर के जिले में समूहों को बनाया गया है। इसके बावजूद अभी तक जिले की कृषि भूमि की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस वित्तीय वर्ष 24-25 में 9000 नमूनों में 1500 से अधिक की जांच में मिट्टी में मौजूद कार्बनिक जीवांश की मात्रा मानक से बहुत कम पाई गई थी। इसमें कार्बनिक जीवांश 0.8 के बजाए 0.5 प्रतिशत, फास्फोरस, पाटोश, जिंक, सल्फर जैसे तत्वों की मात्रा भी अपर्याप्त रही।

इसी क्रम में इस वित्त वर्ष 1000 नमूनों की जांच का लक्ष्य मिला है। इनमें में से करीब 1500 की जांच की गई है तो जिनका परिणाम भी चौकाने वाला है। इसमें भी आवश्यक तत्वों की मात्रा न्यूनतम है।

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