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काला चावल समिति की पहल, धान की बुआई के दिए गए टिप्स

  किसानो ने भी सीधी बुआई के अपने अनुभव को साझा किया, अमड़ा के किसान शशिकांत राय ने बतलाया की धान के पहले मूँग व ढैंचा की बुआई करने से खर-पतवार की समस्या कम होती है तथा फसल की बढ़वार भी अच्छी होती है।
 

BHU के प्रोफेसर ने दी जानकारी

धान की सीधी बुआई की जानकारी

बताये गए उत्पादन बढ़ाने के तरीके
 

चंदौली जिला के काला चावल फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड अमड़ा के कार्यालय पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. यू. पी. सिंह एवं अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ. अनिर्बन नाथ, डॉ. दिव्या गुप्ता और डॉ. सम्पत नायक के संयुक्त सहयोग से एफपीओ के किसानो की उपस्थिति में सीधी धान की बुआई (डी एस आर- कतार विधि द्वारा) धान की बुआई के सन्दर्भ में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

Farmers training

कार्यशाला में काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रो. डॉ. यू. पी. सिंह  ने सफल सीधी बुआई करने के विभिन्न  विधियों को बताया। इस तकनीक से खेती करने पर कम संसाधन, कम लागत, कम पानी आदि की जरुरत पड़ती है।  साथ ही धान के साथ ढैंचा साथ बुआई कर उचित खर-पतवार प्रबंधन तथा मृदा प्रबंधन के तरीको से अबगत कराया।  किसानो ने भी सीधी बुआई के अपने अनुभव को साझा किया, अमड़ा के किसान शशिकांत राय ने बतलाया की धान के पहले मूँग व ढैंचा की बुआई करने से खर-पतवार की समस्या कम होती है तथा फसल की बढ़वार भी अच्छी होती है।

साथ ही सबके साथ खेत में जाकर सीधी धान की बुआई द्वारा किसानों को जीरो टिल सीड ड्रिल मशीन से अगेती महीन धान की बुआई भी कराई गई। डी एस आर तकनीक द्वारा धान की बुआई करने वाले इच्छुक किसानो को निःशुल्क बीज भी उपलब्ध कराया गया। कार्यक्रम में शशिकांत राय, रतन कुमार सिंह, प्रेमशंकर सिंह ,कामेश्वर राय, आलोक राय, अशोक सिंह उपस्थित रहे । अध्यक्षता अनिल सिंह एवं संचालन शिवकांत सिंह ने किया।

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