फास्ट ट्रैक कोर्ट के क्लर्क राजेन्द्र यादव की कमरे के अंदर मिली लाश, दरवाजा तोड़कर घुसी पुलिस
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चंदौली जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में बतौर लिपिक तैनात राजेंद्र यादव का शव उनके नेहरू नगर स्थित किराए के आवास में खून से लथपथ हालत में मिला है। बताया जा रहा है कि जिस समय उनकी लाश बरामद हुई है। उस समय कमरा भीतर से बंद था जिसके चलते पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई और मामले की जांच पड़ताल शुरू की है।
फिलहाल प्राथमिक दृष्टि से मामला आत्महत्या से जुड़ा बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि युवक ने पहले विषाक्त पदार्थ का सेवन किया है। इसके बाद ब्लेड अथवा किसी अन्य धारदार हथियार से अपने गले को काट लिया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट के कर्मचारी की लाश मिलने की खबर सुनते ही पुलिस और न्यायिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
आपको बता दें कि मृतक पिछले 1 साल से न्यायालय कार्यालय में तैनात था और मूल रूप से प्रयागराज जनपद के फाफामऊ इलाके का निवासी था।
लोगों के द्वारा बताया जा रहा है कि फाफामऊ निवासी मिठाई लाल के पुत्र राजेंद्र यादव पिछले 1 साल से चंदौली जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में कनिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात थे और वह जिला मुख्यालय के नेहरू नगर में किराए के मकान में रहा करते थे। सोमवार को जब काफी देर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला और वो बाहर नहीं निकले तो मकान में रह रहे लोगों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तो लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजे की कुंडी तोड़ी और अंदर दाखिल हो कर देखा तो बेड पर खून से लथपथ हालात में राजेंद्र कुमार मृत पड़ा हुआ था और गले पर धारदार हथियार से कटे का निशान भी पाया गया है।
मामले की सूचना मिलते ही सीओ सदर के पी सिंह भी मौके पर न्यायिक अधिकारियों के साथ पहुंच गए हैं। पुलिस मौत के कारणों की जांच पड़ताल के साथ-साथ आत्महत्या के कारण की भी खोजबीन में जुट गई है।
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