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चंदौली जिले में खाद की किल्लत व हेराफेरी का यह है कारण, शुरू हो गयी कार्रवाई

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में यूरिया खाद की किल्लत व बिक्री में अनियमितता को लेकर जिला प्रशासन सख्ती दिखाने के मूड में दिख रहा है। कहा जा रहा है कि गड़बड़ी पर खाद की दो दुकानों को सीज कर दिया गया है। वहीं साधन सहकारी समितियों के 18 सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
 
चंदौली जिले में खाद की किल्लत व हेराफेरी का यह है कारण, शुरू हो गयी कार्रवाई

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चंदौली जिले में यूरिया खाद की किल्लत व बिक्री में अनियमितता को लेकर जिला प्रशासन सख्ती दिखाने के मूड में दिख रहा है। कहा जा रहा है कि गड़बड़ी पर खाद की दो दुकानों को सीज कर दिया गया है। वहीं साधन सहकारी समितियों के 18 सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। सचिवों पर एक-एक किसानों को 100-100 बोरी से अधिक यूरिया की बिक्री करने का आरोप है।

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार कृषि उपनिदेशक ने सचिवों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सहायक आयुक्त सहकारिता व सहायक निबंधक को पत्र भेज दिया है।

खाद की कालाबाजारी व जमाखोरी रोकने के लिए शासन ने सहकारी समितियों व खाद की दुकानों की जांच का निर्देश दिया था। अधिकारियों की टीम गठित कर समितियों व दुकानों की जांच कराई गई। इसमें साधन सहकारी समिति धरहरा, कम्हरियां की दो समितियां, अदसड़ व छतेम, घोसवा की पांच समितियां, भोजापुर की दो समितियों में यूरिया की बिक्री में गड़बड़ी मिली थी।

सचिवों ने पॉश मशीन से किसानों के नाम से 100-100 बोरी से अधिक यूरिया खारिज कर दिया था। क्षेत्र के बनौली चट्टी स्थित एग्री जंक्शन व चकिया ब्लाक के उचहवां स्थित एक खाद भंडार में खाद की बिक्री में गड़बड़ी सामने आई थी। कृषि विभाग की ओर से तत्काल दोनों दुकानों को सीज कर दिया। जबकि सचिवों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजा है। साथ में जांच आख्या भी संलग्न की गई है। ऐसे में सचिवों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।

यह है समस्या
साधन सहकारी समितियों के सचिवों की कार्यप्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में रही है। शासन से पॉश मशीन के जरिए किसानों को खाद की बिक्री का निर्देश है। लेकिन सचिवों की ओर से इसका पालन नहीं किया जाता है। पूरे दिन खाद की बिक्री करने के बाद पॉश मशीन से एक ही किसान के नाम से स्टाक खारिज कर दिया जाता है। ऐसे में अभिलेखों में उसी किसान के नाम से पूरी खाद दर्ज हो जाती है। सचिवों की लापरवाही के चलते किसान भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।

कहा जा रहा है कि कई सचिवों के पास एक से अधिक समितियों का चार्ज है। किसान एक ही समय पर खाद बांटने के लिए हंगामा करते हैं, जिसके कारण वह कुछ सरकारी आदेशों का पालन नहीं करते हैं और मनमाने तरीके से खाद बांट देते हैं।

जिला कृषि अधिकारी राजीव भारती का कहना है कि साधन सहकारी समितियों की जांच में गड़बड़ी मिली है। जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है। उनकी संस्तुति के बाद सचिवों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

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