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5 साल से बिना अधिकारी के चल रहे तीन अग्निशमन केंद्र, कौन है जिम्मेदार

जिले की आबादी बीस लाख से अधिक है। यहां प्रति वर्ष तीन सौ से अधिक स्थानों पर आग लगने की घटनाएं होती हैं। आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं गेहूं के खेतों में होती है।
 

सेकंड अफसर भी नहीं हैं तैनात

केवल मुख्य अग्नि शमन अधिकारी पर जिम्मेदारी

जिले में आग पर काबू पर की जिम्मेदारी

चंदौली जिले के तीन अग्निशमन केंद्रों पर पिछले पांच साल से अग्निशमन अधिकारी ही नहीं है। मुगलसराय में एक एएसआई मुगलसराय अग्निशमन केंद्र का प्रभार देख रहे हैं। इतना ही नहीं बाकी दो केंद्रों पर कोई अधिकारी नहीं है। अग्नि शमन विभाग में बिना एफएसओ के ही कार्य हो रहा है। मुख्य अग्नि शमन अधिकारी पर ही जिले में आग को बुझाने की जिम्मेदारी है।

कहा जा रहा है कि जिस जिले में हर साल 300 से अधिक आगजनी की घटनाएं होती हैं, उस जिले में भी विभाग जिम्मेदार अफसर नहीं दे पा रहा है। आंकड़ों के अनुसार चंदौली में प्रति वर्ष तीन सौ से अधिक लाग लगने की घटनाएं होती हैं। पिछले वर्ष पांच सौ बीधे फसल आग की भेंट चढ़ी थी।

आपको बता दें कि जिले की आबादी बीस लाख से अधिक है। यहां प्रति वर्ष तीन सौ से अधिक स्थानों पर आग लगने की घटनाएं होती हैं। आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं गेहूं के खेतों में होती है। व्यावसायिक भवनों के साथ ही रामनगर औद्योगिक इलाके में आग लगने से नुकसान होता है। वर्तमान में जिले में मुगलसराय, चंदीली और सकलडीहा में फायर स्टेशन संचालित हो रहा है।

बताते चलें कि चंदौली और मुगलसराय फायर स्टेशन एक ही भवन से संचालित हो रहा है। पीडीडीयू नगर से सटे रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में फायर स्टेशन का निर्माण शुरू हो चुका है। चकिया और नौगढ़ में फायर स्टेशन के लिए जमीन मिली है। इसके निर्माण के लिए धन मिलने का इंतजार किया जा रहा है। चकिया और चंदौली में आग बुझाने के लिए एक एक वाहन खड़ा किया जाता है। ऐसे में आग बुझाने की जिम्मेदारी मुगलसराय और सकलडीहा के रैथा स्थित फायर स्टेशन पर आती है। तीन फायर स्टेशन पर पिछले पांच वर्षों से फायर सेफ्टी ऑफिसर नहीं हैं। यहां फायर स्टेशन सेकेंड अफसर भी नहीं है।

तीनों स्टेशनों पर तीन चालक, पांच फायरमैन, चार फालोवर, दो स्वीपर की कमी है। इसके साथ ही यहां पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव है। अग्नि शमन केंद्र पर पांच हजार लीटर की क्षमता वाले दो दमकल हैं लेकिन ये खराब हो चुके हैं। लगातार संसाधनों और अधिकारियों के लिए मांग पत्र भेजी जा रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

इन संसाधनों की शासन से की गई है मांग

1-दो फायर टेंडर (2000 लीटर)

2- दो फायर टेंडर (2500 लीटर)

3- दो फायर टेंडर (5000 लीटर), वर्तमान वाले अनुपयोगी।

4- दो बाटर बाउजर (6000 लीटर)

5- दो फोम टेंडर

6- ब्रॉटिंग सेट-10

इस संबंध में चंदौली जिले के मुख्य अग्नि शमन अधिकारी कुमार रमाशंकर तिवारी ने बताया कि आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए अग्नि शमन विभाग तत्पर है। कुछ संसाधनों और अधिकारियों की कमी है। इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है। इनके मिलने से काम में आसानी होगी।

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