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गरई नदी पर बनने वाले पुल की डिजाइन बदली, अब पुल के दोनों ओर 400 मीटर का बनाया जाएगा एप्रोच मार्ग

चंदौली जिले के चकिया से अहरौरा (मिर्जापुर) मार्ग पर स्थित गरई नदी पर अधूरे पड़े पक्के पुल की डिजाइन बदल दी गई है। इसके साथ ही अब पुल की लागत भी तीन गुना से अधिक बढ़ गई है।
 

  दो जिलों को जोड़ेगा या पुल और कई गांवों को होगा लाभ

कई सालों से लटका है गरई नदी पर अधूरा पक्का पुल

अब पुल की डिजाइन बदलकर पूरा करने की तैयारी

चंदौली जिले के चकिया से अहरौरा (मिर्जापुर) मार्ग पर स्थित गरई नदी पर अधूरे पड़े पक्के पुल की डिजाइन बदल दी गई है। इसके साथ ही अब पुल की लागत भी तीन गुना से अधिक बढ़ गई है। अब 50 मीटर लंबे पुल के दोनों ओर चार सौ मीटर लंबा एप्रोच मार्ग भी बनाया जाएगा। साथ ही बनने वाले पिलरों की उंचाई भी कम होगी और एलिवेटेड पुल का निर्माण होगा। 

पहले एप्रोच मार्ग की लंबाई कम थी और पुल की उंचाई अधिक होने के कारण एप्रोच मार्ग की लंबाई कम होने से दिक्कत खड़ी हो गई थी। जिसके चलते पहले धन के अभाव में उसके बाद में तकनीकी कारणों से निर्माण कार्य रुक गया था। पुल का काम तकनीकी कारणों से रुकने के बाद लोक निर्माण विभाग (निर्माण खंड) ने पुल की फिर से नई डिजाइन के लिए प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू एनआईटी कालेज से डिजाइन तैयार करवाई। जिसमें 50 नीटर लंबे एलिवेटेड पुल के साथ दोनों ओर चार सौ मीटर का एप्रोच मार्ग होगा ताकि पुल पर आवागमन में कोई दिक्कत न हो। इससे जहां पहले पुल की लागत करीब तीन करोड़, पांच लाख थी। वहीं अब दस करोड़ हो गई है। 


पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के जेई पंकज खेमका का कहना है कि नए पुल की डिजाइन तैयार कर ली गई है। इसके परीक्षण के लिए शासन को भेजा गया है। इस पुल का निर्माण साल 2016 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत शुरू हुआ था लेकिन सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद बीच में इस योजना को ही बंद कर दिया गया था। जिससे गरई नदी के साथ ही शहाबगंज में कर्मनाशा नदी पर बनने वाले पक्के पुल का भी काम रुक गया। इसके बाद कोरोना काल के चलते काम नहीं हो पाया। बाद में शहाबगंज के कर्मनाशा नदी का पुल तो बनकर तैयार हो गया और आवागमन भी शुरू हो गया। मगर गरई नदी का पुल तकनीकी कारणों से रूक गया। तब से इस पुल का कुछ हिस्सा बनकर हवा में लटका हुआ है।


चंदौली-मिर्जापुर-सोनभद्र आना जाना होगा आसान 

पीडीडीयू नगर। गरई नदी पर बनी पुलिया काफी जर्जर हो चुकी है। इससे बारिश और बाढ़ में आने जाने में काफी दिक्कत होती थी। बारिश में पुलिया पर पानी भर जाता है जिससे आवागमन बंद हो जाता है। वहीं भारी वाहनों के आवागमन में दिक्कत होती थी। यह पुल चंदौली और मिर्जापुर को अलग भी करता है। अब इस पुल के बन जाने से जहां आवागमन में सुविधा होगी, वहीं चंदौली से मिर्जापुर, सोनभद्र जाने के लिए सहूलियत होगी। इसके लिए लोगों को नौगढ़ के रास्ते सोनभद्र जाना होता था। लोगों को इस पुल के जल्दी निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है ताकि बेहतर आवागमन की सुविधा मिल सके। 


इस सम्बंध में पीडब्ल्यूडी एक्सईएन कृष्ण कुमार का कहना है कि चकिया से अहरौरा मार्ग पर गरई नदी पर बनने वाले पक्के GG पुल के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। मोती लाल नेहरू एनआईटी कालेज प्रयागराज से नई डिजाईन तैयार कराकर शासन को भेज दी गई है। अब पुल पर करीब दस करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही एलिवेटेड पुल निर्माण के साथ एप्रोच मार्ग की लंबाई भी बढ़ गई है। शासन से हरी झंडी मिलते ही इसका कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

                                                                                                                                   

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