नगरों में तैयार होंगे उपवन, बढ़ेगी हरियाली और घटेगा प्रदूषण
हर नगर निकाय क्षेत्र में विकसित होंगे हरित उपवन
शासन ने जारी किया 50 लाख रुपये का विशेष बजट
एक-एक एकड़ भूमि पर लगाए जाएंगे हजारों पौधे
चंदौली जिले में बढ़ते शहरीकरण और घटती हरियाली के बीच अब नगरों को फिर से हरा-भरा बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। जिले के नगर निकाय क्षेत्रों में उपवन (Urban Mini Forest) विकसित किए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को संजीवनी मिल सके। शासन की ओर से इस योजना के लिए 50 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। प्रत्येक नगर निकाय में एक-एक एकड़ भूमि पर उपवन विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
मियावाकी तकनीक से होगा पौधरोपण
इस योजना के तहत जापान की प्रसिद्ध मियावाकी पद्धति से घने वृक्षों का क्लस्टर तैयार किया जाएगा, जिससे कम जगह में अधिक और घनी हरियाली संभव हो सकेगी। यह पद्धति कम समय में बड़े और घने पेड़ों को विकसित करने के लिए कारगर मानी जाती है।
हर निकाय क्षेत्र में बनेगा एक उपवन
नगर पालिका परिषद पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के साथ-साथ चकिया, सैयदराजा और चंदौली नगर पंचायत में भी उपवन की स्थापना की जाएगी। इसके लिए संबंधित क्षेत्रों में एक-एक एकड़ भूमि की पहचान की जा रही है।
बढ़ते तापमान से राहत दिलाएंगे पेड़
गौरतलब है कि इस साल भीषण गर्मी ने जिले के लोगों को बेहाल कर दिया। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जिससे दोपहर के समय सड़कें सूनी हो जाती थीं। ऐसे में उपवन भविष्य में लोगों को छांव देने और तापमान कम करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
पर्यावरण के साथ मिलेगा रोजगार
इस योजना से जहां पर्यावरणीय सुधार होगा, वहीं स्थानीय श्रमिकों को भी रोजगार मिलेगा। पौधरोपण, देखरेख और रखरखाव का कार्य स्थानीय स्तर पर लोगों को सौंपा जाएगा, जिससे आजीविका का साधन भी बढ़ेगा।
तालमेल से आगे बढ़ेगा काम
मुख्य विकास अधिकारी आर. जगत साई ने बताया कि, "निकायों, वन विभाग और राजस्व विभाग को आपसी समन्वय के साथ इस योजना को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव शासन को भेजे जाएंगे।"
चयन प्रक्रिया में क्या होगा खास
- उपयुक्त भूमि की पहचान
- मिट्टी की गुणवत्ता की जांच
- आसपास के तालाबों और आबादी से दूरी का ध्यान
- मद का निर्धारण और स्वीकृति प्रक्रिया
- पौधों की प्रजातियों का चयन
इस परियोजना का उद्देश्य है कि नगरों को न केवल सुंदर बनाया जाए, बल्कि वायु प्रदूषण और तापमान जैसे गंभीर पर्यावरणीय संकटों से भी राहत दी जाए। प्रशासन का कहना है कि यह योजना आने वाले वर्षों में शहरी जीवन को बेहतर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
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